मेमोरी क्या है? कम्प्यूटर में कितने प्रकार की मेमोरी होती है?

 मेमोरी क्या है? कम्प्यूटर में कितने प्रकार की मेमोरी होती है?

उत्तर–  मैमोरी—जिस प्रकार हम अपनी स्मृति (Memory) में बहुत-सी बातें याद रखते हैं, उसी तरह कम्प्यूटर के जिस भाग में सभी डाटा, प्रोग्राम आदि रखे जाते हैं, उसे कम्प्यूटर की मैमोरी कहते हैं।
कम्प्यूटर की मैमोरी हजारों छोटे-छोटे खानों में बँटी हुई होती है, ऐसे हर खाने को एक लोकेशन (Location) या बाइट (Byte) कहा जाता है। जिस प्रकार किसी पुस्तक के अलग-अलग पाठ के नंबर पड़े होते हैं, उसी प्रकार मैमोरी की बाइटों पर क्रम संख्याएँ पड़ी हुई होती हैं। किसी बाइट की क्रम संख्या को उस बाइट का पता (Address) कहा जाता है।
हर एक बाइट में छोटी-छोटी शृंखलाबद्ध आठ बिट (8 Bit) होती हैं, जिसे मैमोरी का सबसे छोटा हिस्सा कहा जाता है। बिट को आप एक छोटा बल्ब मान सकते हैं, जिस प्रकार कोई बल्ब या तो जल रहा होता है या बुझा होता है, उसी तरह कोई बिट या तो ऑन (On) होती है या ऑफ (Off) इस प्रकार किसी बिट की दो स्थितियाँ हो सकती हैं’ऑन’ या ‘ऑफ’। इनके अलावा कोई तीसरी स्थिति नहीं हो सकती है। । सरलतापूर्वक हम ऑन बिट को ‘1’ तथा ऑफ बिट ‘को’ ‘0’ लिखते हैं।
1 कम्प्यूटर में संधारण किये जाने वाला सभी प्रकार का डाटा 0 और के रूप में ही कम्प्यूटर की मैमोरी में रखा जाता है तथा कम्प्यूटर अपना सारा काम 0 और 1 की ही अवस्था में करता है । कम्प्यूटर द्वारा 0 और 1 के रूप में काम करने को बाइनरी सिस्टम (Binary System) कहते हैं।
किसी कम्प्यूटर की मैमोरी का आकार (Size) बाइटों की संख्या में नापा जाता है। कम्प्यूटर की मैमोरी जितनी बड़ी होती है, वह उतना ही तेज और शक्तिशाली (Powerful) माना जाता है। मैमोरी को निम्न माप से मापा जाता है—
1 बाइट (Byte) = 8 बिट (Bit)
1 किलोबाइट (Kilobyte या KB) = 1024 बाइट (Byte) 1 मेगाबाइट (Megabyte या MB) = 1024 किलोबाइट (Kilobyte या KB)
1 गीगाबाइट (Gigabyte या GB) = 1024 मेगाबाइट (Megabyte या MB)
कम्प्यूटरों की मैमोरी दो प्रकार की होती है(i) भीतरी (Internal) या मुख्य (Main) मैमोरी (ii) बाहरी (External) या सहायक (Auxiliary) मैमोरी मैमोरी कम्प्यूटर की सी.पी.यू. का ही एक भाग होती है। किसी साधारण माइक्रो कम्प्यूटर या पी.सी की मुख्य मैमोरी का आकार 64 मेगाबाइट से 512 मेगाबाइट या 1 गीगाबाइट तक हो सकता है।
सहायक मैमारी डाटा को लम्बे समय के लिए स्थायी रूप से स्टोर (Store) करने के लिए होती है। यह कम्प्यूटर की सी.पी.यू. से बाहर होती है। यह चुम्बकीय टेप (Magnetic Tape), हार्ड डिस्क (Hard Disk), फ्लापी (Floppy) आदि से बनी होती है। इसका आकार सैकड़ों-हजारों मेगाबाइटों और गीगाबाइटों में हो सकता है।
मुख्य मैमोरी को भी दो भागों में बांटा जाता है— रैम (RAM) और रॉम (ROM), रैम का पूरा नाम ‘Random Access Memory है जिसका अर्थ है कि इस मैमोरी को हम अपनी इच्छा एवं आवश्यकतानुसार कैसे भी प्रयोग कर सकते हैं। वास्तव में इसमें ऐसे डाटा और प्रोग्रामों को रखा जाता है, जिन्हें थोड़े समय तक रखना हो। यह डाटा तब तक वहीं बना रहता है, जब तक उसकी जगह पर कोई दूसरा डाटा नहीं रख दिया जाता या कम्प्यूटर बन्द नहीं कर दिया जाता है। कम्प्यूटर बन्द कर देने पर रैम में रखा हुआ सारा डाटा गायब हो जाता है।
रोम का पूरा नाम है— ‘Read Only Memory’ जिसका मतलब है कि इस मैमोरी में रखे डाटा को हम पढ़ सकते हैं। वास्तव में इस मैमोरी में कम्प्यूटर बनाने वाली कम्पनी द्वारा ऐसी सूचनाएँ डाटा और प्रोग्राम रखे जाते हैं, जिनकी  हमें  ज्यादातर और हमेशा जरूरत पड़ती है। रॉम में रखे हुए डाटा को न तो हम हटा सकते हैं और न उसमें कोई बदलाव कर सकते हैं। कम्प्यूटर की बिजली बन्द हो जाने पर भी रॉम में रखा हुआ डाटा सुरक्षित बना रहता है।
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