विज्ञान का अर्थ एवं दो परिभाषाएँ लिखिए।
विज्ञान का अर्थ एवं दो परिभाषाएँ लिखिए।
उत्तर— विज्ञान का अर्थ एवं परिभाषाएँ—किसी भी सुव्यवस्थित ज्ञान को विज्ञान कहते हैं। परन्तु विज्ञान की परिभाषा देना बहुत ही कठिन काम है। विज्ञान को जीवन की तरह केवल अनुभव किया जा सकता है, इसे परिभाषित नहीं किया जा सकता। वैज्ञानिकों एवं विज्ञान के अनेक विद्यार्थियों ने इसे समझने का प्रयास किया है तथा विज्ञान की प्रकृति को निम्न प्रकार प्रस्तुत किया है—
विज्ञान सृष्टि का क्रमबद्ध ज्ञान है तो अन्य के अनुसार यह व्यवस्थित ज्ञान है जो अनवरत एवं व्यवस्थित खोज के परिणामस्वरूप संचित हुआ है। कुछ विद्यार्थियों के अनुसार विज्ञान सूक्ष्म निरीक्षण, प्राप्त तथ्यों की व्याख्या एवं प्रयोगों तक ही सीमित है। ज्यों-ज्यों हम अनेकानेक लोगों के मतों को सुनेंगे त्यों-त्यों हमारे सामने नई-नई परिभाषायें आती जायेंगी। अतः हम इन सभी मतों पर विचार कर इन्हें दो भागों में बाँट सकते हैं—
(1) विज्ञान को विभिन्न प्रकार के ज्ञान के संचित कोष के रूप में माना है।
(2) विज्ञान को प्रक्रिया के रूप में पहचाना है। उनके अनुसार अब तक के संकलित ज्ञान का महत्त्व इसलिए है कि वह भविष्य में होने वाले अन्वेषणों का आधार बनता है।
विज्ञान के इन दोनों पक्षों का समन्वय करने के बाद जो परिभाषा सामने आयी है उसे हम निम्न प्रकार प्रस्तुत करते हैं—
कोलम्बिया शब्दकोश के अनुसार–”प्राकृतिक रहस्यों या प्रक्रमों के लिए सामान्य व्यवहार में नियन्त्रित संचय तथा सुव्यवस्थित अधिगम विज्ञान है।”
फ्रैड्रिक फिजपैट्रिक के अनुसार—“विज्ञान अप्रायोगिक निरीक्षणों की संचित और अंतहीन शृंखला है जिससे प्रत्यय और सिद्धान्त बनते हैं और इन प्रत्ययों और सिद्धान्तों को फिर से प्रायोगिक निरीक्षणों के सन्दर्भ में संशोधित किया जाता है। विज्ञान, ज्ञान का शरीर तथा इसे अर्जित करने की प्रक्रिया है।”
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