विशिष्ट बालकों से आप क्या समझते हैं ?
विशिष्ट बालकों से आप क्या समझते हैं ?
अथवा
निर्योग्य बालक को परिभाषित कीजिए।
अथवा
निर्योग्य बालक किसे कहते हैं ?
अथवा
विशिष्ट आवश्यकता वाले बालकों को परिभाषित कीजिये ।
उत्तर – विशिष्ट / निर्योग्य बालक की परिभाषा – प्रत्येक विद्यालय में सभी प्रकार के बालक समान नहीं होते हैं। कुछ ऐसे बालक भी होते हैं जिनकी अपनी कुछ विशेषताएँ होती हैं। ये विशेषताएँ शारीरिक, बौद्धिक, संवेगात्मक तथा सामाजिक हो सकती है। इस प्रकार जो बालक सामान्य बालकों से अलग विशेषताएँ रखते हैं उन्हें विशिष्ट बालक कहा जाता है। हेक ने लिखा है कि “विशिष्ट बालक वे हैं जो किसी एक या अनेक गुणों की दृष्टि से सामान्य बालकों से पर्याप्त मात्रा में भिन्न होते हैं।” ऐसे बालकों की शिक्षा के लिए विशेष प्रबन्ध करना पड़ता है।
डब्ल्यू. एम. क्रूचशेन्क 1974 के अनुसार, “एक विशिष्ट बालक वह है जो शारीरिक, बुद्धिमानी और समाज के आधार पर सामान्य बालक की अपेक्षा गुणों में अधिक विकसित हो तथा सामान्य शिक्षा कक्ष में शिक्षण के कार्यक्रम के मध्य उसे विशिष्ट प्रकार के व्यवहार की आवश्यकता हो। “
क्रो एण्ड क्रो 1948 के अनुसार, “विशिष्ट प्रकार या विशिष्ट शब्द किसी एक ऐसे लक्षण या उस लक्षण को रखने वाले व्यक्ति पर लागू किया जाता है जबकि लक्षण को सामान्य रूप में प्रत्यय की सीमा इतनी अधिक होती है कि उसके कारण व्यक्ति अपने साथियों का विशिष्ट ध्यान प्राप्त करता है और इससे उसके व्यवहार की अनुक्रियाएँ प्रभावित होती हैं।”
ऐसे बालकों के लिए शिक्षा की व्यवस्था विशेष रूप से करने की आवश्यकता पड़ती है। अध्यापक को उनकी पहचान, समायोजन तथा शिक्षा की ओर विशेष ध्यान देना पड़ता है। विशिष्ट बालक सामान्य बालकों से पर्याप्त रूप से भिन्न होते हैं। ऐसे बालक प्राय: सभी विद्यालयों में पर्याप्त मात्रा में मिल जाते हैं। उनके लिए विशेष कक्षाओं का आयोजन करना पड़ता है।
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