विषयकेन्द्रित पाठ्यक्रम की कोई चार सीमाएँ लिखिए।
विषयकेन्द्रित पाठ्यक्रम की कोई चार सीमाएँ लिखिए।
उत्तर— विषयकेन्द्रित पाठ्यक्रम की सीमायें: इस पाठ्यक्रम की प्रमुख कमियाँ अथवा दोष निम्नलिखित हैं—
(1) यह अपेक्षित व्यवहारगत उद्देश्यों को सीमित कर देता है।
(2) इसमें ज्ञान के छोटे-छोटे टुकड़ों में बँट जाने से उसका समुचित उपयोग कर पाना कठिन होता है ।
(3) इसमें अधिगम अनुभवों का विस्तार क्षेत्र सीमित हो जाता है।
(4) यह छात्रों को विशेष रूप से अपरिपक्व तथा मन्द गति से सीखने वालों को सार्थक एवं महत्वपूर्ण अधिगम अनुभव उपलब्ध नहीं करा पाता है।
(5) इससे विद्यार्थियों से अध्ययन विषयों के प्रति बहुत अधिक निष्ठावान होने की अपेक्षा की जाती है ।
(6) इसमें अधिगम का स्थानान्तरण सरलता से तथा प्रभावी रूप से सम्भव नहीं हो पाता है।
(7) इसमें प्रत्येक विषय के लिए समय-सीमा का निर्धारित होना अधिगम में बाधक होता है।
(8) इसमें किसी नवीन अन्तर्वस्तु को समाविष्ट करना कठिन होता है।
(9) इस प्रकार के पाठ्यक्रम में अमूर्तीकरण एवं तार्किक विवेचन पर अधिक बल दिया जाता है जो अनुकूलन में बाधक भी सिद्ध होते हैं।
(10) इसमें लचीला एवं कल्पनापूर्ण शिक्षण असम्भव नहीं तो कठिन अवश्य होता है ।
(11) चूँकि प्राथमिक शिक्षक सामान्य शिक्षकों के रूप में तैयार किये जाते है, विषय-विशेषज्ञों के रूप में नहीं। अतः प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में इस उपागम में विशेष कठिनाई होती है।
हमसे जुड़ें, हमें फॉलो करे ..
- Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
- Facebook पर फॉलो करे – Click Here
- Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
- Google News ज्वाइन करे – Click Here