व्याघ्रपथिक कथा पाठ का पाँच वाक्यों में परिचयं दें।
व्याघ्रपथिक कथा पाठ का पाँच वाक्यों में परिचयं दें।
उत्तर⇒ यह कथा नारायणपंडित रचित प्रसिद्ध नीतिकथाग्रन्थ ‘हितोपदेश’ के प्रथम भाग ‘मित्रलाभ’ से संकलित है । इस कथा में लोभाविष्ट व्यक्ति की दुर्दशा का निरूपण है । आज के समाज में छल-छद्म का वातावरण विद्यमान है जहाँ अल्प वस्तु के लोभ से आकृष्ट होकर लोग अपने प्राण और सम्मान से वंचित हो जाते हैं। यह उपदेश इस कथा से मिलता है कि वंचकों के चक्कर में न पड़ें।
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