शान्ति के लिए शिक्षा से आपका क्या अभिप्राय है ?
शान्ति के लिए शिक्षा से आपका क्या अभिप्राय है ?
उत्तर– शान्ति के लिए शिक्षा–शान्ति और जीवन एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। यदि व्यक्ति के मन में शान्ति है तो उसका जीवन शान्तिमय होकर मानसिक और शारीरिक रूप से उन्नति के मार्ग पर अग्रसर होता है, और यदि अशांत है तो खोटे सिक्के की तरह अज्ञानता के साये में भटकता रहता है। इसलिए ज्ञान एवं शिक्षा के क्षेत्र में मन में भय, शोक, शंका आदि से रहित होना ही चाहिए। इसलिए बच्चों के शैक्षिक परिवेश को भयरहित शान्तिमय बनाने की अनुशंसा की जाती है, जिससे बालक कुशल ज्ञान का सर्वोत्तम ग्राही बन सके ।
अच्छे शिक्षण के लिए शिक्षक, शिक्षार्थी दोनों का भय एवं तनाव मुक्त और शान्तिमय होना अति आवश्यक है जो वर्तमान में विद्यालय परिवेश से गायब सा है। इसके कारण कुछ भी हो सकते हैं। पर फिर भी शिक्षक होने के नाते यह भाव आवश्यक है कि शिक्षक कैसे अधिक से अधिक अपने विद्यालय के बच्चों को ज्ञानवान और कुशल भारतीय नागरिक बना सके। अतः इसके लिए आवश्यक है शिक्षक और शिक्षार्थी के मन की शान्ति क्योंकि “शान्त मन मस्तिष्क ही ज्ञान का सर्वोत्तम ग्राही होता है। “
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