शारीरिक उपयुक्तता के पाँच लाभ कौन-कौनसे हैं ?

शारीरिक उपयुक्तता के पाँच लाभ कौन-कौनसे हैं ? 

उत्तर— शारीरिक उपयुक्तता के लाभ-शारीरिक उपयुक्तता के लाभ निम्नलिखित हैं—
(1) उन्नत स्वास्थ्य—
(i) हृदय की कार्य क्षमता बढ़ना।
(ii) फेफड़ों की कार्य क्षमता बढ़ना ।
(iii) पेशियों की कार्य क्षमता बढ़ना ।
(iv) तन्त्रिका तन्त्र की कार्य क्षमता बढ़ना ।
(v) कोलेस्ट्रोल का स्तर घटना ।
(vi) रक्तचाप घटना ।
(vii) बीमारियों का जोखिम कम होना ।
(viii) शरीर स्वस्थ रहना ।
(2) तंदुरूस्ती में सुधार—
 (i) अधिक ऊर्जा |
(ii) कम दबाव।
(iii) अच्छी नींद आना ।
(iv) दवाओं से जूझने की योग्यता का उन्नत होना ।
(v) मानसिक कुशाग्रता बढ़ती है ।
(vi) शारीरिक कुशाग्रता बढ़ती है ।
(vii) आनन्द की अनुभूति ।
(viii) मानसिक सन्तुष्टि ।
(ix) कार्य करने की क्षमता का विकास।
(3) तंदुरूस्ती में सुधार—
(i) शारीरिक क्षमताएँ बढ़ती हैं ।
(ii)थकान कम आती है।
(iii) चोट कम आती है।
(iv) उर्वरता बढ़ती है।
(v) छोटी-मोटी बीमारियों से लड़ने की प्रतिरक्षण क्षमता उत्पन्न होती है ।
(4) सामाजिक जीवन का बढ़ना—
(i) आपसी सम्बन्धों में सुधार।
(ii) नये मित्र बनने के अवसर बढ़ते हैं।
(iii) किसी क्रियाकलाप में मित्रों या पारिवारिक सदस्यों के साथ हिस्सेदारी के अवसर बढ़ते हैं ।
(iv)आत्म प्रतिरूप को बढ़ावा ।
(v) मनोरंजन की प्राप्ति ।
(vi) चरित्र निर्माण में सहायक ।
(vii) आपसी भेदभाव से छुटकारा ।
(viii) सहयोग की भावना का विकास ।
(ix) व्यावसायिक सन्तुष्टि ।
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