शिक्षा में लैंगिक समानता को समझाइये ।

शिक्षा में लैंगिक समानता को समझाइये ।

उत्तर – शिक्षा में लैंगिक समानता — शिक्षा में लैंगिक समानता के निम्नलिखित आयाम पाये जाते हैं—
( 1 ) पहुँच की समानता – इसका तात्पर्य है कि लड़कियों और लड़कों को औपचारिक एवं अनौपचारिक शिक्षा में प्रवेश के लिए समान अवसर मिले। नामांकन की अपेक्षा वास्तविक उपस्थिति बेहतर संकेत है कि शिक्षा तक पहुँच में लैंगिक समानता है ।
( 2 ) अधिगम प्रक्रिया में समानता – इसका तात्पर्य है कि लड़कियों और लड़कों को अधिगम के समान अवसर मिलें और उन्हें उचित अधिगम व्यवहार के अवसर मिले, लड़कियों तथा लड़कों को सीखने की समान प्रक्रियाओं से गुजारा जाये तथा उनके लिए पाठ्यक्रम, अधिगम सामग्री तथा शिक्षण विधियों में किसी प्रकार का भेदभाव न हो ।
( 3 ) शैक्षिक परिणामों की समानता – लड़कियों तथा लड़कों को अपनी प्रतिभा और प्रयासों के परिणामस्वरूप समान उपलब्धियों के अवसर मिले। स्कूल के समय, कैरियर, अकादमिक योग्यताएँ और डिप्लोमा किसी सेक्स के आधार पर नहीं मिलना चाहिये । स्त्री तथा पुरुष की भागीदारी, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक तथा राजनीतिक गतिविधियों । में समान होनी चाहिये । यदि स्त्री पुरुष समान योग्यता एवं अनुभव रखते | हैं तो उनकी आय भी समान होनी चाहिये ।
( 4 ) शिक्षा प्राप्ति उपरान्त अवसर व उपलब्धि में समानता – बालिका की शिक्षा पूर्ण होने के पश्चात् उन्हें रोजगार हेतु अवसर, पूर्ण कालिक शिक्षा के बाद रोजगार प्राप्त होने में लगा समय, वेतन एवं भुगतान में पुरुषों के समान उपलब्धियाँ अर्जित करने के अवसर प्रदान करने होंगे।
हमसे जुड़ें, हमें फॉलो करे ..
  • Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Facebook पर फॉलो करे – Click Here
  • Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Google News ज्वाइन करे – Click Here

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *