सहकर्मी आंकलन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
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उत्तर– सहकर्मी आंकलन (Peer Assessment) — सहकर्मी- आंकलन का अर्थ है वैयक्तिक स्तर पर किसी समूह के सदस्यों का मूल्यांकन उसके सहयोगियों द्वारा किया जाता है जिसमें ग्रेडिंग का आधार एक पूर्व नियोजित प्रक्रिया के अन्तर्गत किया जाता है। दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि व्यक्तिगत तौर पर समूह में किए गए योगदान का समूह के सदस्यों द्वारा आंकलन करना, सहकर्मी आंकलन (Peer Assessment) कहलाता है। दूसरे शब्दों में किसी निर्धारित मापदण्डों के आधार पर अपने सहयोगी के कार्यों का आंकलन करने का दायित्व ही सहकर्मी आंकलन है। इस आंकलन में एक सहकर्मी के द्वारा पृष्ठपोषण (Feed Back) दिया जाता है। इस आंकलन को दो स्तरों से समझा जा सकता है—
(1) सहकर्मी- आंकलन छात्र स्तर पर (Peer Assessment at Student Level/Group)
(2) सहकर्मी-आंकलन शिक्षक स्तर पर (Peer Assessment at Teacher Level/Group)
(1) सहकर्मी-आंकलन छात्र स्तर पर (Peer Assessment at Student Level/Group) – प्राय: सहकर्मी- आंकलन में छात्र अपने ही समूह के छात्रों (सदस्यों) के कार्यों का आंकलन करते हैं जिसका आधार पूर्व नियोजित मापदण्ड होते हैं। इसमें छात्र अपना उत्तरदायित्व अच्छे से निभाते हैं तथा आंकलन मानदण्डों को समझने में सक्षम होते हैं । इस स्तर पर तुलनात्मक आंकलन किया जाता है। इसलिए छात्र एकदूसरे को प्रेरित और उत्साहित करते हैं ताकि कार्य की कुशलता को बढ़ाया जा सकें। इस प्रकार के आंकलन में प्रशिक्षक अपनी उम्मीदों को पहले से बता देता है जिससे समूह में विश्वास तथा ईमानदारी बनी रहती है। इस प्रकार का आंकलन अभ्यास के लिए किया जाता है।
( 2 ) सहकर्मी- आंकलन शिक्षक स्तर पर (Peer Assessment at Teacher Level / Group) – इस प्रकार के मूल्यांकन में शिक्षक छात्र समूहों का आंकलन करता है जो वैयक्तिक (Individual) या सामूहिक (Group) हो सकता है। इसमें शिक्षक अपने आंकलन मानदण्डों को परिवर्तित कर सकता है। साथ ही साथ इसमें अन्य शिक्षक भी सम्मिलित होते हैं जो एक दूसरे की क्रियाओं का आंकलन करते हैं । इसमें छात्रों का भी पृष्ठपोषण (Feed Back) शामिल किया जाता है। आंकलन करने का तरीका प्रशिक्षक स्वयं निर्धारित करता है ।
सहकर्मी आंकलन के उद्देश्य (Objectives of Peer Assessment)– सहकर्मी आंकलन के उद्देश्य निम्नलिखित हैं—
(i) अधिगम को प्रोत्साहित करना ।
(ii) स्वायत्तता को प्रोत्साहित करना ।
(iii)आलोचनात्मक निर्णय क्षमता का विकास करना ।
(iv) समूह में कार्य करने की भावना का विकास करना ।
(v) परस्पर सहयोग की भावना विकसित करना ।
(vi) छात्रों/शिक्षकों को अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन करने एवं अपने अधिगम को सुव्यवस्थित संचालित करने में सक्षम बनाना ।
(vii) तथ्यों को बारीकी एवं विस्तृत रूप से समझने की क्षमता. विकसित करना ।
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