सामाजिक रचना के महत्त्व का उल्लेख कीजिए।
सामाजिक रचना के महत्त्व का उल्लेख कीजिए।
उत्तर – सामाजिक रचना का महत्त्व – समाजीकरण वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से एक बच्चा व्यक्तिगत रूप से अपने नियमों, रीतिरिवाजों एवं पर्यावरणीय नियमों का सम्मान करता है। लिंग समाजीकरण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक व्यक्ति को यह सिखाया जाता है कि वह कैसे सामाजिक रूप से अपने नियत लिंग, जिसका निर्धारण उसके जैविक लिंग के आधार पर जन्म के समय ही निर्धारित कर दिया जाता है, से व्यवहार करे। प्राचीन समय में लिंग भेद माता-पिता द्वारा किया जाता था किन्तु वर्तमान में यह लिंग भेद समाज द्वारा किया जा रहा है। सामाजीकरण द्वारा लिंग पहचान में सहायता मिलती है। लिंग ( पहचान सम्बन्धी समाजीकरण को निम्न बिन्दुओं द्वारा स्पष्ट किया जा ‘सकता है—
( 1 ) व्यवहार सम्बन्धी समाजीकरण प्रथाएँ–समाजीकरण की प्रक्रिया में व्यवहार से सम्बन्धी भेद देखने को मिलते हैं। स्त्रियों को सहनशील माना जाता है अतः उनसे सभी लोग यही अपेक्षा करते हैं कि उनको कोई कुछ भी कहे उन्हें सहन करना चाहिए जबकि बालकों से इस प्रकार के व्यवहार की अपेक्षा नहीं की जाती है। यह व्यवहारगत मतभेद समाज के साथ घर-परिवार वालों द्वारा भी किया जाता है।
( 2 ) अनुशासन सम्बन्धी समाजीकरण प्रथाएँ– अनुशासन सम्बन्धी विभेद भी समाजीकरण की प्रक्रिया में देखा जाता है। लड़कों की अपेक्षा लड़कियों को अधिक अनुशासन में रखा जाता है। रात के । समय बाहर जाने, दोस्तों के साथ घूमने-फिरने आदि में जहाँ बालिकाओं के लिए प्रतिबन्ध होते हैं। वहीं बालकों पर कोई प्रतिबन्ध नहीं होता है। बालक कहीं भी किसी भी समय आने-जाने के लिए स्वतन्त्र होते हैं ।
( 3 ) खेलकूद आधारित समाजीकरण प्रथाएँ — समाज के लोगों ने खेल का विभाजन लिंग के आधार पर कर दिया है। लोगों के अनुसार बालक एवं बालिकाओं के खेल अलग-अलग होते हैं यदि एक बालक गुड्डे-गुड़ियों का खेल खेलता है तो उसके अभिभावक द्वारा उसे यही समझाया जाता है कि वह लड़का है और उसे ये खेल नहीं खेलने चाहिए। वहीं लड़कियाँ अगर क्रिकेट खेलती तो उन्हें यह समझाया जाता है कि यह खेल लड़कों का है।
(4) सोच सम्बन्धी समाजीकरण प्रथाएँ — समाज में लिंग भेद का सबसे बड़ा कारण लोगों की सोच उनके विचार और दृष्टिकोण है । समाज के लोगों की सोच का ही परिणाम है कि लड़कियों को पराया धन एवं लड़कों को घर का चिराग का माना जाता है। इन्हीं कारणों से लोगों का व्यवहार लड़के-लड़कियों के प्रति भिन्न-भिन्न हो जाता है।
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