सामान्य एवं विशिष्ट आवश्यकताओं वाले बालकों में क्या अन्तर है ?

सामान्य एवं विशिष्ट आवश्यकताओं वाले बालकों में क्या अन्तर है ?

उत्तर – सामान्य एवं विशिष्ट आवश्यकताओं वाले बालकों में – निम्न अन्तर हैं—
सामान्य बालक—
(1) शारीरिक रूप से सुडौल व स्वस्थ होते हैं ।
(2) इनकी बुद्धिलब्धि 90-110 के मध्य में होती हैं। (1)
(3) अपने आपको घर, विद्यालय और समाज में आसानी से समायोजित कर लेते हैं ।
(4) सन्तोषी स्वभाव के होते हैं
(5) सोचने-समझने की शक्ति उत्तम होती है।
(6) मानसिक बीमारियों से दूर होते हैं।
(7) जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण होता है।
(8) सादा जीवन जीने में विश्वास रखते हैं।
(9) व्यावहारिक होते हैं।
(10) स्नेह, सहयोग, दया, सहनशीलता, भाई-चारा आदि गुणों से परिपूर्ण होते हैं।
(11) शैक्षिक उपलब्धि सामान्य होती है।
विशिष्ट आवश्यकता वाले बालक—
(1) शारीरिक रूप से अधिक पतले, अधिक छोटे व बेडौल होते हैं ।
(2) lइनकी बुद्धि लब्धि 0-140 तक होती है तथा इससे अधिक भी हो सकती है।
(3) इनमें अपने आप को समायोजित करने की शक्ति कम होती है ।
(4) ये संतोषी स्वभाव के नहीं होते हैं।
(5) सोचने-समझने की शक्ति कम या बहुत अधिक होती है।
(6) मानसिक बीमारियों से ग्रस्त रहते हैं।
(7) जीवन के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण होता है या बहुत अधिक सकारात्मक होता है।
(8) सादा जीवन जीने में विश्वास नहीं रखते हैं।
(9) ये अव्यावहारिक होते हैं।
(10) ये अधिक भावुक होते हैं ।
(11) शैक्षिक उपलब्धि या तो बहुत कम या बहुत अधिक होती है।
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