स्व-आकलन से आपका क्या आशय है ?
स्व-आकलन से आपका क्या आशय है ?
उत्तर –स्व आकलन स्व-आकलन से तात्पर्य किसी व्यक्ि द्वारा अपने स्वयं के क्रिया-कलाओं मनोवृत्तियों एवं निष्पादन/प्रदर्शन के आकलन या मूल्यांकन से है। स्व-आकलन स्वयं को देखने (आत्मसाक्षात्कार) की प्रक्रिया है जिसमें व्यक्ति अपने विभिन्न पहलुओं को सामने लाता है जो किसी व्यक्ति की पहचान के लिए आवश्यक या प्रमुख होते हैं। इसके प्रमुख उद्देश्यों में से एक उद्देश्य स्व-आकलन के साथ-साथ स्व-सत्यापन और स्व वृद्धि है। स्व-आकलन में छात्रों एवं शिक्षकों को अपने कार्यों को प्रतिबिम्बित करने और कितनी अच्छी तरह से उन्होंने आकलन मापदण्ड स्व-मूल्यांकन के अन्तर्गत छात्रों एवं शिक्षकों को यह अवसर प्रदान किया जाना चाहिए जिससे कि वे इस योग्य हो जाएँ कि अपने कार्यों की अच्छाई एवं बुराई को जान सकें न कि उनका ध्यान ग्रेड निर्माण की ओर लगा रहे ।
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