स्व-जागरूकता एवं आत्म सम्मान को प्रभावित करने वाले कारकों का विस्तार से वर्णन कीजिए ।
स्व-जागरूकता एवं आत्म सम्मान को प्रभावित करने वाले कारकों का विस्तार से वर्णन कीजिए ।
उत्तर— स्व-जागरूकता एवं आत्म-सम्मान को प्रभावित करने वाले कारक—स्व-जागरूकता एवं आत्म-सम्मान दो ऐसे मूल्य हैं जो व्यक्ति की क्षमता को खोजने अथवा पता लगाने के लिए आवश्यक है। स्व-जागरूकता का अभाव आत्म-सम्मान में कमी को बढ़ावा देता है। इसलिए दोनों का साथ-साथ होना भी आवश्यक है। आत्म-सम्मान व्यक्ति को आत्म विश्वास के साथ बिना किसी डर के कार्यों को करने के लिए प्रेरित करता है। इसको प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित है—
(1) घर – घर में रहने वाले सदस्यों के मध्य सम्बन्ध आपके आत्म-सम्मान को प्रभावित करता है। इसका कारण यह है कि व्यक्ति बढ़ने के साथ अपने परिवार की मनोवृत्तियाँ एवं प्रतिक्रियाओं की नकल करता है। यह वह अवस्था होती है जिसमें व्यक्ति प्रभावी रूप से अधिगम करता है।
परिवार के सदस्य आपके विचारों को स्वयं एवं दूसरों के लिए प्रभावित करते हैं। जिस प्रकार परिवार के सदस्य क्रियाएँ करते हैं, आप उसी प्रकार व्यवहार करते हैं।
(2) विद्यालय – सहपाठियों, शिक्षकों, स्कूल प्रशासकों एवं सलाहकारों के साथ सम्बन्ध को आत्म सम्मान भी प्रभावित करता है, क्योंकि यह वह स्थान है जहाँ बालक सीखता है। विद्यालय कार्य, खेल, पाठ्य सहगामी क्रियाएँ अनुशासन इत्यादि का अनुभव व्यक्ति को वृद्धि में आकार देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
(3) समाज – व्यक्ति कई प्रभावी ढंगों से सीखता है। समाज में आप पर अलग-अलग धर्मों, संस्कृतियों और जातियों का प्रभाव हो सकता है। दूसरों के द्वारा बनाए गए मानक एवं छवियों का अनुभव भी आपको प्रभावित करता है। समाज एवं समुदाय की प्रकृति भी व्यक्ति को संशोधित करने में सहायता करती है ।
(4) मीडिया – मीडिया नकारात्मक तरीके से व्यक्ति के आत्मसम्मान एवं जागरूकता को प्रभावित कर सकता है। यह नकारात्मक परिवर्तन अधिकतर लड़कियों में उनके किशोरावस्था में देखा जाता है। लड़कियाँ प्रायः मॉडल एवं आन्दोलित करने वाली छवियाँ पसन्द करती हैं तथा वे उसे देखना पसन्द करती हैं। अपना ही शरीर उन्हें असन्तुष्ट बना देता है। जब व्यक्ति अपने कमजोर अथवा बेडौल शरीर की छवि को देखता है तथा अन्य मॉडल अथवा कलाकार वह अवसाद एवं चिन्ता से ग्रसित हो जाता है।
(5) प्रतिपुष्टि – दूसरे आपके बारे में क्या बताते हैं, वे आपकी आलोचना कैसे करते हैं तथा एक व्यक्ति के रूप में वे आपके साथ कैसे व्यवहार करते हैं, यह प्रतिपुष्टि से पता चलता है।
आपके दोस्तों, परिवार, शिक्षक एवं रोल मॉडल का प्रतिपुष्टि आपके आत्म-सम्मान के लिए आवश्यक होता है। ये लोग सकारात्मक प्रतिपुष्टि प्रदान कर आपकी सहायता करते हैं। ये लोग आपका ध्यान रखते हैं तथा इनके नकारात्मक प्रतिपुष्टि के पीछे सुधार एवं परिवर्तन का उद्देश्य छिपा होता है।
(6) परिणाम/घटनाएँ—अच्छे एवं बुरे अनुभव तथा जीवन में घटित विभिन्न घटनाएँ आपके जीवन की अद्भुत कहानी का निर्माण करते हैं। आपके समक्ष विभिन्न विकल्प होते हैं जिनके चुनाव का निर्णय आपके हाथ में होता है। ये सब वे चीजें हैं जो आपके दिन का निर्माण करते हैं तथा ये आपके जीवन को प्रभावित करते हैं। यह आप पर निर्भर करता है कि आप इसका सामना कैसे करते हैं तथा इससे कैसे प्रभावित होते हैं।
(7) प्रहस्तन—आप कैसे चुनौतियों एवं अवसरों से समझौता करते हैं यह आपके आत्म सम्मान एवं स्व-जागरूकता को प्रभावित करते हैं। चुनौतियाँ आपको प्रशिक्षित कर वर्तमान के लिए तैयार करती है। प्रयास आपको स्थिर रखने तथा आप जो विश्वास करते हैं उसे बनाने में सहायता करते हैं। आप किसी स्थिति से निपटने के लिए कैसे प्रशिक्षित हैं यह आपके आत्म-सम्मान के निर्माण में सहायक होता है।
(8) सफलता—सफलता जो आप प्राप्त करते हैं, कम सफलता या अनुभव आत्म-सम्मान को प्रभावित करता है। जैसे-जैसे व्यक्ति अधिक सफलता को प्राप्त करता है उसके आत्म सम्मान में वृद्धि होती है। आप सोचते हैं कि आप कर सकते हैं तथा कार्यों को करने का प्रयास करते हैं। आगे जब आप इस प्रकार की स्थिति का सामना करते हैं तो लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आप सक्षम हो जाते हैं।
(9) लोकप्रियता – लोकप्रियता के अनुसार ही लोग आपके साथ व्यवहार करते हैं। लोगों के द्वारा किए गए व्यवहार तथा प्रतिक्रिया आपको प्रभावित करता है। लोग आपको कैसे पसन्द करते हैं अथवा न पसन्द करते हैं यह उसके आत्म-सम्मान के लिए आवश्यक होता है । जब आप लोगों से प्रशंसा प्राप्त करते हैं तो आपको गर्व का अनुभव होता है।
(10) लिंग–विभिन्न जीवन स्तरों में आत्म सम्मान को लिंग भी प्रभावित करता है। लिंग स्त्री एवं पुरुषों के मध्य विभेद करता है। विभेद व्यक्ति के आत्म सम्मान को प्रभावित कर सकता है। यह दोनों लिंगों में रूढ़िबद्धता की भावना का विकास कर सकता है। प्रत्येक व्यक्ति लिंग के अनुसार ही व्यवहार करता है इसलिए लिंग आत्म अवधारणा को प्रभावित करता है ।
(11) आय — वह एक मध्यम वर्गीय परिवार में पला-बढ़ा, इसलिए उसके माता-पिता जैसे सामान्य जीवन जीने के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध कराते हैं। इस प्रकार आय व्यक्ति को बेहतर जीवन यापन करने तथा आवश्यकताओं की पूर्ति में सहायता करते हैं। ये व्यक्ति के आत्मसम्मान को प्रभावित करते हैं ।
(12) शिक्षा – शिक्षा व्यक्ति के आत्म-सम्मान एवं आत्मसम्प्रत्यय को प्रभावित कर सकता है। सहयोगी शिक्षक अच्छे कार्यों हेतु छात्रों को प्रोत्साहित कर सकता है। खराब शिक्षा व्यवस्था बेरोजगारी का प्रमुख कारण है। इस प्रकार शिक्षा के द्वारा रोजगार प्राप्तकर्ता के आत्मसम्मान में वृद्धि तथा बेरोजगारों के आत्म-सम्मान में कमी होता है।
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