विनियमित पाठ्यक्रम के सम्प्रत्यय को स्पष्ट कीजिये ।
विनियमित पाठ्यक्रम के सम्प्रत्यय को स्पष्ट कीजिये ।
उत्तर – विनियमित पाठ्यचर्या–शिक्षण एक त्रिमुखी प्रक्रिया है। इसमें शिक्षक, छात्र एवं पाठ्यचर्या मिलकर शिक्षण की क्रिया को पूर्ण करते हैं। शिक्षक शिक्षण प्रक्रिया में केन्द्र बिन्दु होता है जो पाठ्यचर्या के अनुसार ज्ञान का हस्तान्तरण करता है। इस प्रकार शिक्षण में शिक्षक प्रदाता अथवा अनुदेशन की भूमिका निभाता है। छात्र शिक्षण प्रक्रिया में अनुदेशों को ग्रहण करने वाला अर्थात् अधिगम करने वाला होता है । पाठ्यचर्या शिक्षक एवं छात्र के लिए विषय वस्तु सम्बन्धी चयन के निर्देशन का कार्य करती है ।
पाठ्यचर्या के माध्यम से ही शिक्षक छात्रों को दिशा निर्देशित करता है। इस प्रकार शिक्षण प्रक्रिया में शिक्षक, छात्र एवं पाठ्यचर्या तीनों का होना बहुत महत्त्वपूर्ण होता है। चूँकि शिक्षक ज्ञान का प्रदाता होता है इसलिए वह पाठ्यचर्या का हस्तान्तरण छात्रों में प्रत्यक्ष प्रविधियों के माध्यम से करता है। शिक्षक पाठ्यचर्या अर्थात् उसके विषय-वस्तु को शिक्षण के माध्यम से छात्रों में विभिन्न प्रत्यक्ष प्रविधियों के द्वारा हस्तान्तरित करता है।
विनियमित पाठ्यचर्या का अर्थ–पाठ्यचर्या विनिमय पाठ्यचर्या में सूचीबद्ध लक्ष्यों एवं उद्देश्यों के आधार पर पाठ्यक्रम सामग्री का प्रभावी एवं वांछित कार्यान्वयन है। पाठ्यचर्या विनिमय अपने शिक्षार्थियों के लिए सीखने के अनुभव, योजना का संगठन, प्रशासन, संगठित नियोजन का कार्यान्वयन तथा प्रशिक्षकों एवं विशेषज्ञों द्वारा प्रासंगिक क्षेत्र के मूल्यांकन इत्यादि को सम्मिलित करता है ।
पाठ्यचर्या विनिमय या पाठ्यचर्या प्रबन्धन शिक्षा के विभिन्न स्तरों के लिए एक विशेष विषय क्षेत्र में पाठ्यक्रम के आयोजन एवं सतत् रूप से इसकी निगरानी करते हुए लागू (कार्यान्वयन) किए जाने की प्रक्रिया है।
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