शोध पाठ्यक्रम की क्या आवश्यकता एवं महत्ता है ? शोध पाठ्यक्रम के क्षेत्रों की विवेचना कीजिए।
शोध पाठ्यक्रम की क्या आवश्यकता एवं महत्ता है ? शोध पाठ्यक्रम के क्षेत्रों की विवेचना कीजिए।
अथवा
शोध पाठ्यक्रम की व्याख्या कीजिये
अथवा
शोध पाठ्यक्रम की व्याख्या कीजिये। शोध पाठ्यक्रम के क्षेत्रों को समझाइये।
उत्तर — शोध पाठ्यचर्या एवं इसके क्षेत्र निम्न हैं—पाठ्यचर्या में अनुसंधान करना कठिन कार्य है इसका मुख्य कारण यह है कि पाठ्यचर्या के अन्तर्गत उन समस्त शैक्षिक घटकों को सम्मिलित किया जाता है जो शिक्षा के सन्दर्भ में आवश्यक होता है। पाठ्यचर्या पर शोध करने का उद्देश्य शिक्षकों को पाठ्यचर्या के उन चार क्षेत्रों से अवगत कराना है जिसके माध्यम से शिक्षक एक सक्रिय एजेन्ट के रूप में अपनी भूमिका का निर्वाह कर सके। ये चार क्षेत्र जिनका अध्ययन शोध के अन्तर्गत करते हैं वे निम्नलिखित हैं—
(1) शैक्षिक उद्देश्यों के क्षेत्र एवं उनका छात्रों एवं शिक्षक द्वारा शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में उपयोग।
(2) अधिगम अनुभवों को आयोजन करने एवं चयन करने की समस्या ।
(3) शिक्षण अधिगम प्रक्रिया के अभिन्न अंग के रूप में मूल्यांकन करने की समस्या ।
(4) समस्त शैक्षिक कार्यक्रम की पाठ्यचर्या योजना की संरचना की प्रकृति की सामान्य समस्या |
ऐसा माना जाता है कि उपर्युक्त समस्या नई नहीं है और ये पाठ्यचर्या व्यापक अर्थ का प्रतिनिधित्व करती हैं।
ये तथ्य शिक्षण और पाठ्यचर्या में महत्त्वपूर्ण एवं सतत् उत्तरदायित्वों का प्रतिनिधित्व करते हैं तथा वे शिक्षक के दैनिक जीवन से सम्बन्धित उत्तरदायित्वों का भी वर्णन करती हैं इसके साथ ही इन्हें शिक्षकों द्वारा कुछ आलोचनात्मक बिन्दुओं में सम्मिलित किया जाना चाहिए। अनुसंधान के अन्तर्गत इन सभी बिन्दुओं को सम्मिलित किया जाता है। पाठ्यचर्या अनुसंधान करने का उद्देश्य पाठ्यचर्या से सम्बन्धित समस्त पक्षों जो कि शिक्षक एवं छात्र की शिक्षण अधिगम प्रक्रिया से सम्बन्धित हैं पर अनुसंधान करना है तथा उसमें होने वाली समस्याओं की पहचान करके उन्हें । करने के उचित उपाय करना ।
शोध पाठ्यचर्या की आवश्यकता—
(1) पाठ्यचर्या से छात्रों के लिए निर्धारित उद्देश्यों की पूर्ति हो रही है अथवा नहीं की जानकारी प्राप्त करना ।
(2) पाठ्यचर्या के कार्यान्वयन में होने वाली समस्याओं का पता लगाना ।
(3) छात्रों को अधिगम हेतु प्रेरित करने के लिए एवं आई.सी.टी. एवं नई प्रौद्योगिकियों के उपयोग हेतु प्रेरित करना ।
(4) पाठ्यचर्या में व्याप्त दोषों का पता लगाना ।
(5) आधुनिक आवश्यकता के अनुसार पाठ्यचर्या में आवश्यक परिवर्तन हेतु सुझाव देना ।
(6) छात्रों एवं शिक्षकों को अधिगम एवं शिक्षण में सुधार करने के अवसर प्रदान करना ।
शोध पाठ्यचर्या का महत्त्व —
(1) इसके माध्यम से शिक्षकों की गुणवत्ता में सुधार करके उन्हें शिक्षण के लिए प्रेरित किया जा सकता है ।
(2) यह शिक्षकों को अपने छात्रों एवं साथियों के साथ एक नया एवं अलग सम्बन्ध बनाने का उचित अवसर प्रदान करता है।
(3) यह एक उपयोगी अधिगम प्रक्रिया है जो छात्रों एवं शिक्षकों को एक साथ कार्य करने उनमें रुचि एवं विशेषज्ञता विकसित करने के लिए चुनौती के रूप में कार्य करता है ।
(4) यह छात्रों एवं शिक्षकों को सांख्यिकीय विश्लेषण की सुविधा प्रदान करता है।
(5) इसके माध्यम से शिक्षक एवं छात्र अपने व्यक्तिगत ज्ञान में वृद्धि कर सकते हैं ।
(6) यह छात्रों एवं शिक्षकों को अपने व्यक्तिगत एवं व्यावसायिक कौशलों को विकसित करने का पर्याप्त अवसर प्रदान करता है।
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