जीवन कौशल की आवश्यकता एवं महत्त्व क्या है ?
जीवन कौशल की आवश्यकता एवं महत्त्व क्या है ?
उत्तर – जीवन दक्षता (कौशल) की आवश्यकता एवं महत्त्वजीवन दक्षता की आवश्यकता स्त्रियों और पुरुषों दोनों के लिए समान रूप से उपादेय है। स्त्रियों पर उनका सम्पूर्ण परिवार आश्रित रहता है, अतः उनका जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में कुशल अर्थात् दक्ष होना आवश्यक है। चाहे वह घर की रसोई हो या बाहरी वातावरण। पर्यावरण, जनसंख्या, विश्व शान्ति एवं भ्रातृत्व, स्वास्थ्य एवं पोषण, रोजगार एवं व्यवसाय इत्यादि कोई भी विषय ऐसा नहीं है जिसको स्त्रियों से पृथक् करके देखा जा सके। जीवन दक्षता की आवश्यकता तथा महत्त्व को निम्नांकित बिन्दुओं के अन्तर्गत वर्णित किया गया है—
(1) जीवन की गुणवत्ता हेतु जीवन दक्षता कीआवश्यकता है।
(2) भौतिक सुख-सुविधाओं तथा ऐश्वर्य की प्राप्ति हेतु जीवन दक्षता की आवश्यकता होती है ।
(3) जीवन दक्षता के द्वारा व्यक्ति अपनी सभी प्रकार की क्रियाओं का सम्पादन अविराम गति से करता है।
(4) जीवन दक्षता व्यक्ति को उसके सर्वश्रेष्ठ को बाहर निकालने में सहायता करती है ।
(5) जीवन दक्षता के द्वारा अन्तर्निहित शक्तियों का सर्वोत्तम विकास होता है।
(6) जीवन दक्षता परिवार के भरण-पोषण के लिए आवश्यक है।
(7) जीवन दक्षता के सदुपयोग तथा स्वस्थ मनोरंजनात्मक क्रियाओं के लिए आवश्यक है ।
(8) जीवन दक्षता पर्यावरण, जनसंख्या इत्यादि मुद्दों पर जागरूकता लाने के लिए आवश्यक है ।
(9) जीवन दक्षता विश्व शान्ति और भ्रातृत्व के लिए आवश्यक
(10) जीवन दक्षता सन्तुलित व्यक्तित्व तथा सृजनात्मकता का विकास करती है ।
(11) जीवन दक्षता सभी प्रकार क की योग्यताओं का विकास करती है।
(12) जीवन दक्षता के द्वारा देश-प्रेम और एकता की भावना का विकास होता है।
(13) जीवन दक्षता के द्वारा लैंगिक मुद्दों के प्रति जागरूकता का विकास होता है।
(14) जीवन दक्षता के द्वारा सामाजिक कुरीतियों की समाप्ति होती है।
(15) जीवन दक्षता आर्थिक विकास के लिए अत्यावश्यक है।
(16) जीवन दक्षता का प्रभाव व्यक्ति के व्यक्तिगत जीवन से लेकर राष्ट्रीय विकास तक पड़ता है।
(17) जीवन दक्षता व्यक्ति को कर्त्तव्यनिष्ठ बनाती है।
(18) जीवन दक्षता सामुदायिक जीवन हेतु व्यक्ति को तैयार करती है।
(19) जीवन दक्षता वैज्ञानिक तथा तकनीकी आविष्कार के लिए आवश्यक है ।
(20) जीवन दक्षता जीवन की गुणवत्ता के लिए आवश्यक है।
(21) जीवन दक्षता सामाजिक सक्रियता और श्रम के प्रति उचित दृष्टिकोण विकसित करती है ।
(22) जीवन दक्षता के द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय सम्बन्धों में सुधार होता है।
(23) आधुनिकीकरण की प्रक्रिया हेतु आवश्यक है।
(24) जीवन दक्षता साथ रहने, साथ-साथ सीखने, क्रिया करने और अस्तित्व का विकास करती है ।
(25) स्त्रियों की समानता और स्वतन्त्रता के लिए महत्त्वपूर्ण है।
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