अध्यापक दैनन्दिनी के महत्त्व को लिखिए।
अध्यापक दैनन्दिनी के महत्त्व को लिखिए।
उत्तर- अध्यापक दैनन्दिनी ( Teacher Diary)—छात्रों के आंकलन के लिए प्रत्येक कक्षा एवं विषय के लिए शिक्षक द्वारा अध्यापक दैनन्दिनी का संधारण किया जाता है जिसके अन्तर्गत प्रत्येक कक्षा एवं विषय के अधिगम उद्देश्यों को व्यवस्थित करते हुए पाठ्यक्रम को एक शिक्षण-सत्र में समय-समय पर विभागीय निर्देशानुसार विभिन्न टर्म में विभाजित किया जाता है। शिक्षा के पाठ्यक्रम को वर्तमान में चार टर्म में विभाजित किया गया है। वर्तमान में प्रत्येक टर्म के लिए दो रचनात्मक एवं एक योगात्मक मूल्यांकन का प्रावधान है। मूल्यांकन की यह आवृत्ति विभागीय नीतिगत फैसलों के साथ परिवर्तनीय है। विषय में पाठ्यक्रमणीय अधिगम उद्देश्य एवं सम्बन्धित पाठों का टर्मवार विभाजन अध्यापक योजना डायरी में संधारित किया जाकर सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन के परिप्रेक्ष्य में उसी के अनुरूप शिक्षण नियोजन किया जाता है ।
विद्यार्थियों के सीखने की प्रक्रिया एवं मूल्यांकन हेतु शिक्षक द्वारा अपने नियोजन की साप्ताहिक समीक्षा की जाती है, जिसमें नीचे लिखे बिन्दुओं का ध्यान रखा जाता है—
(i) कार्य के दौरान बच्चों की सहभागिता की स्थिति
(ii) विद्यार्थियों को आ रही कठिनाई
(iii) योजना में किए गए बदलाव
(iv) अनुभव एवं स्व-आंकलन ।
यदि विद्यार्थी वांछित उपलब्धि स्तर प्राप्त नहीं कर पाते हैं तो शिक्षक आगामी सप्ताहों के शिक्षण नियोजन के दौरान अधिगम सशक्तीकरण हेतु तदनुसार नियोजन करेगा। शिक्षण के दौरान प्राप्त अनुभवों को अपनी डायरी के निर्धारित प्रपत्र में दर्ज करते हुए स्व-आंकलन की प्रक्रिया को सशक्त करेंगे।
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