सामान्य सम्भावना वक्र के उपयोग बताइए।
सामान्य सम्भावना वक्र के उपयोग बताइए।
अथवा
सामान्य सम्भाव्यता वक्र के क्या उपयोग हैं ?
उत्तर—सामान्य सम्भाव्यता वक्र के अनुप्रयोग या उपयोगिता (Applicaitons or Utility or Uses of Normal Probability Curve) –मुख्यत: निम्न प्रकार की समस्याओं का समाधान सांख्यिकीय आधार पर सामान्य सम्भाव्य वक्र के सिद्धान्तों के प्रयोग से किया जाता है। इन वक्रों के सामाजिक विज्ञानों में महत्त्वपूर्ण उपयोग इस प्रकार हैं—
(1) दो अतिव्यापी वितरणों की तुलना करना (To compare two overlapping distribution )— जैसे किसी वितरण में लड़कों का मध्यमान (M = 21.49) तथा मानक विचलन (o 3.63) तथा लड़कियों का मध्यान (M = 23.68) तथा मानक विचलन ( ० = 5.12) है। मान लीजिए यहाँ पर देखना है कि ऐसी कितनी प्रतिशत लड़कियाँ हैं जिनकी बुद्धिलब्धि लड़कियों की मध्यमान बुद्धिलब्धि से अधिक है या ऐसे कितने प्रतिशत लड़के हैं, जिनकी बुद्धिलब्धि लड़कियों की मध्यमान बुद्धिलब्धि से कम है। इस प्रकार की समस्या से समाधान में भी सम्भाव्य वक्र का अनुप्रयोग होता है।
(2) किसी सामान्य वितरण में दी गई सीमाओं के अन्तर्गत पाए जाने वाले प्राप्तांक का प्रतिशत निर्धारित करना— जैसे—उदाहरण के लिए एक वितरण है, जिसमें अंकों का मध्यमान (M – 12) तथा मानक विचलन (0 = 4) है तो हम सामान्य सम्भाव्य वक्र की सहायता से यह ज्ञात कर सकते हैं कि दी हुई सीमा जैसे –6.14 के मध्य या 8 से नीचे या 15 से ऊपर कितने प्रशित प्रदत्त पाए जाएँगे ?
(3) प्रश्नों, समस्याओं तथा परीक्षण के पदों का कठिनता स्तर निर्धारित करना (To determine the difficulty level of questions, problems and tests items) — उदाहरण के लिए मान लीजिए कि एक प्रश्न 30 प्रतिशत, दूसरा 40 प्रतिश प्रतिशत एक ही समूह के छात्रों द्वारा हल किया गया तो यहाँ पर शोधकर्ता यह जानने का प्रयास करता है कि प्रश्न 1 प्रश्न 2 तथा प्रश्न 3 का तुलनात्मक कठिनाई का स्तर क्या है ? यह समस्या भी संभावना वक्र के सिद्धान्तों को प्रयोग में लाकर हल की जा सकती है।
(4) दिए गए समूह को उसमें व्याप्त गुणों के अनुसार विभिन्न उपसमूहों में विभाजित करना (To classify the given group and their properties in different sub groups) — समूह में वितरण सामान्य है तो प्रत्येक वर्ग के लिए समूह की इकाइयाँ निर्धारित करना । उदाहरणार्थ, यदि कोई परीक्षण 1000 छात्रों को हल करने के लिए दिया गया और इन 1000 व्यक्तियों को सामान्य सम्भावना वक्र के आधार पर उनकी क्षमता को ध्यान में रखते हुए 4, 5, या 8 उपसमूहों में विभक्त करना चाहें तो इसके आधार पर उस समूह में विद्यार्थियों की संख्या ज्ञात कर सकते हैं ।
(5) किसी सामान्य वितरण में दिए गए प्रतिशत के लिए सीमाएँ निर्धारित करना (To determine the limits for given percentage of any normal distribution) — जैसे— उदाहरण के लिए मान लीजिए वितरण जिसके अंकों का मध्यमान (M 12) तथा मानक विचलन (o = 4) है, तो इस वक्र की सहायता से यह ज्ञात करना कि मध्य के 75 प्रतिशत या 60 प्रतिशत या निम्नतम 25 प्रतिशत या उच्चतम 10 प्रतिशत अंक किन सीमाओं के अन्तर्गत आएँगे ?
हमसे जुड़ें, हमें फॉलो करे ..
- Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
- Facebook पर फॉलो करे – Click Here
- Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
- Google News ज्वाइन करे – Click Here