पर्यावरण शिक्षा के महत्त्व का विवेचन कीजिए ।
पर्यावरण शिक्षा के महत्त्व का विवेचन कीजिए ।
उत्तर— पर्यावरण शिक्षा का महत्त्व (Importance of Environment Education)– जनसंख्या में हो रही तीव्र बुद्धि, तीव्रता के साथ हो रहा औद्योगिक विकास, वन कटाव, यातायात वाहनों की… संख्या में अत्यधिक वृद्धि तथा जनसाधारण की अज्ञानता तथा अशिक्षा के कारण आज पर्यावरण शिक्षा का महत्त्व दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। पर्यावरण शिक्षा के बढ़ते हुए महत्त्व को निम्नलिखित बिन्दुओं द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है—
(i) जन साधारण में बढ़ती हुई निरक्षरता और अज्ञानता के कारण पर्यावरण सुरक्षा तथा संरक्षण के उपायों का भरपूर प्रयोग नहीं हो पा रहा है। अज्ञान तथा अशिक्षा से ग्रसित मनुष्य पर्यावरण की सुरक्षा नहीं कर सकता है।
(ii) बढ़ते शहरीकरण तथा नगरों के व्यक्तियों को प्रकृति से दूर कर दिया है। प्रकृति के जैविक एवं अजैविक तत्वों को समान प्रकृति के निकट जाने के लिए पर्यावरण शिक्षा आवश्यक है।
(iii) बढ़ते यातायात के साधनों से प्रदूषण का खतरा पर्याप्त मात्रा में बढ़ गया है। वाहन प्रदूषण को रोकने के लिए पर्यावरण शिक्षा एक महत्त्वपूर्ण साधन है। –
(iv) पर्यावरण सुरक्षा के लिए जनसंख्या नियंत्रण भी आवश्यक है। जनसंख्या नियंत्रण को कैसे रोका जाए, यह पर्यावरण के क्षेत्र में आता है।
(v) वर्तमान में प्रत्येक देश में तीव्र गति से औद्योगीकरण हो रहा है। इससे पर्यावरण प्रदूषण की संभावनाएँ भी बढ़ी हैं। इनसे उत्पन्न प्रदूषण को रोकने व उसे नियंत्रित करने के लिए पर्यावरण शिक्षा जरूरी है ।
(vi) पर्यावरण – शिक्षा हमारी संस्कृति की रक्षा करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अपना सकती है। अहिंसा, जीव- दया, प्रकृतिपूजन आदि हमारी संस्कृति के मूलाधार हैं। पर्यावरण शिक्षा में इन तथ्यों की यथेष्ट मात्रा में शिक्षा दी जाती है ।
(vii) बढ़ते हुए पर्यावरण प्रदूषण के प्रति जनसाधारण के क्या कर्त्तव्य व दायित्व है इसका हमें पर्यावरण-शिक्षा ही ज्ञान करा सकती है ।
(viii) पर्यावरण के प्रति चेतना जागृत करने, उसके प्रति सकारात्मक अभिवृत्तियों तथा भावनाओं का विकास करने में पर्यावरण-शिक्षा की महती भूमिका है।
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