कीटनाशकों के अन्धाधुंध प्रयोग से जीवन पर क्या प्रभाव हो रहा है ?

कीटनाशकों के अन्धाधुंध प्रयोग से जीवन पर क्या प्रभाव हो रहा है ?

उत्तर— कीटनाशक प्रदूषण (Pesticde Pollution) – कीटनाशकों का प्रयोग हानिकारक कीटों की रोकथाम हेतु किया जाता है। इसके प्रयोग से कीटों पर तो नियंत्रण हो जाता है, परन्तु इन कीटनाशकों में उपस्थित रसायनों के कारण यह मनुष्य को हानिप्रद होते हैं। यह कीटनाशक विषैले होते हैं, अतः इनका प्रयोग जब घरों में कीटों को नष्ट करने के लिए किया जाता है, तो यह मनुष्य के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालते हैं। फसलों पर छिड़का हुआ कीटनाशक फसलों के साथ-साथ थोड़ी बहुत मात्रा में भोजन के साथ-साथ मनुष्य के शरीर में पहुँचता रहता है और मनुष्य के स्वास्थ्य पर कुप्रभाव डालता है। D.D.T., एल्ड्रीन, क्लोरडॉन, मेटाथियोन आदि रासायनिक पदार्थ मनुष्य के लिए हानिकारक होते हैं । D.D.T. एक ऐसा रसायन है, जो वातावरण और जीवित वस्तुओं में आसानी से विखण्डित नहीं होता। यह खाद्य पदार्थों तथा शरीर के वसा में एकत्रित होता है और अधिक मात्रा में होने पर जीभ और होठों को बेकार कर डालता है। इससे यकृत और गुर्दे को नुकसान पहुँचता है तथा कैंसर भी हो सकता है। विखण्डित नहीं होने के कारण यह माँ के दूध में और भूजल तक में पाया जाने लगा है।
कई वैज्ञानिकों का मत है कि अनेक कीटनाशक महिलाओं में स्तन कैंसर का कारण भी बनते हैं। कीटनाशक दवाईयों से विषाक्तता के कुल मामलों में एक तिहाई मामले अकेले भारत में है। भारत में कृषि मजदूर इनके सबसे अधिक शिकार बनते है। भारत में दो कपास उत्पादक राज्यों के जिलों में कृषि मजदूरों के बच्चों में भी अन्धेपन, कैंसर, विकलांगता, जिगर के रोगों आदि के मामलों का पता चला है।
हमसे जुड़ें, हमें फॉलो करे ..
  • Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Facebook पर फॉलो करे – Click Here
  • Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Google News ज्वाइन करे – Click Here

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *