आत्म-सम्मान के विकास के महत्त्व का वर्णन कीजिए ।

आत्म-सम्मान के विकास के महत्त्व का वर्णन कीजिए । 

                                     अथवा

आत्मसम्मान का महत्त्व क्या है ?
उत्तर– आत्म-सम्मान के विकास का महत्त्व – प्रबल भावना के लिए आत्म-सम्मान का विकास कई कारणों से महत्त्वपूर्ण है—
(1) आत्म-सम्मान का विकास उन लोगों के लिए अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है जो प्रबल भावना नहीं रखते तथा वे सरलता से दूसरों से प्रभावित हो जाते हैं। उनके द्वारा लिए गए निर्णय चिन्तनीय एवं अस्वस्थ सम्बन्धों वाले हो सकते हैं।
(2) जिनमें आत्म प्रतिष्ठा का विकास कम होता है वे प्रायः भावुक होते हैं तथा विभिन्न मनोवैज्ञानिक समस्याओं जैसेअवसाद, चिन्ता आदि विकारों के साथ-साथ भोजन सम्बन्धी विकारों से ग्रस्त रहता है। वह नशीले पदार्थों शराब आदि का अधिक आदी हो जाता है। अतः उनके लिए आत्म-सम्मान का विकास अति महत्त्वपूर्ण होता है।
(3) यद्यपि कम आत्म-सम्मान विभिन्न समस्याओं के उत्पन्न होने का एकमात्र कारण नहीं है परन्तु यह प्रायः इसके वृद्धि में योगदान अवश्य देता है। कम आत्म-सम्मान वाले बच्चे एवं वयस्क के साथ अन्य की तुलना में अधिक समस्याओं या व्यवहार समस्याओं से घिरे रहते हैं। अतः उनमें आत्म-सम्मान का विकास अति आवश्यक है।
इस प्रकार स्वस्थ रहन-सहन, विचार एवं निरोगी हेतु आत्म-सम्मान का विकास महत्त्वपूर्ण है।
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