मस्तिष्क उत्प्लावन से आप क्या समझते हैं? मस्तिष्क उत्प्लावन विधि का उपयोग आप कक्षा-कक्ष में कैसे करेंगे? उदाहरण सहित समझाइये ।
मस्तिष्क उत्प्लावन से आप क्या समझते हैं? मस्तिष्क उत्प्लावन विधि का उपयोग आप कक्षा-कक्ष में कैसे करेंगे? उदाहरण सहित समझाइये ।
उत्तर— मस्तिष्क उद्वेलन– यह शिक्षण आव्यूह समस्या आधारित है। यह इस विचार पर आधारित है कि बालक व्यक्तिगत अध्ययन की अपेक्षा समूह में अच्छा अधिगम कर सकता है। यह एक जनतांत्रिक शिक्षण आव्यूह है। यह अन्तःक्रिया द्वारा सीखने पर बल देता है, जिस पर समूह में विचार-विमर्श, तर्क अथवा वाद-विवाद की स्थिति बन जाती है तथा उनके मध्य परस्पर अन्तः क्रिया (Interaction) प्रारम्भ हो जाता है। इस अन्तःक्रिया के परिणामस्वरूप बालक के मस्तिष्क में विप्लव की स्थिति बन जाती है व निष्कर्ष स्वरूप कुछ मूल्यवान विचार प्रस्तुत करने की स्थिति में आ जाता है। कुछ विद्वानों का विचार है कि अकेले शिक्षक की अपेक्षा विद्यार्थी समूह कभी-कभी अधिक मूल्यवान विचार दे जाते हैं ।
इस व्यूहरचना का मुख्य सम्प्रत्यय यह है कि किसी विषय वस्तु को सीखने अथवा किसी समस्या को सुलझाने के लिए स्वयं (अकेले) बैठकर सीखने अथवा सोचने की अपेक्षा समूह में सीखना अथवा सोचना अधिक प्रभावशाली होता है। यह व्यूहरचना समस्या केन्द्रित होता है। इसके द्वारा शिक्षण की ज्ञानात्मक एवं अर्थ ग्रहण क्षेत्रों के उद्देश्यों की प्राप्ति की जा सकती है।’
मस्तिष्क उद्वेलन व्यूह रचना की प्रक्रिया– मस्तिष्क उद्वेलन व्यूहरचना में सबसे पहले बालकों के सम्मुख एक ऐसी समस्या प्रस्तुत की जाती है जिसका समाधान करने के लिए सभी छात्र परस्पर विचार-विमर्श करने में सक्षम हों ।
समस्या के प्रस्तुतीकरण के बाद समूह का नेता अथवा शिक्षक सभी से आग्रह करता है कि वह समस्या से सम्बन्धित विचार अथवा समाधान प्रस्तुत करें। सभी सदस्यों को इस बात की स्वतन्त्रता दी जाती है कि वह अपने मन-मस्तिष्क में आये हुए विचारों को स्वतन्त्र रूप से सामने रखे। किसी भी सदस्य को किसी अन्य सदस्य के विचारों एवं सुझावों या मूल्यांकन का आलोचना करने की स्वतन्त्रता नहीं दी जाती है तथा समूह समस्या का संश्लेषण, विश्लेषण एवं मूल्यांकन करता है।
मस्तिष्क उद्वेलन व्यूह रचना के लाभ– मस्तिष्क उद्वेलन व्यूह रचना के निम्नलिखित लाभ हैं—
(1) मस्तिष्क उद्वेलन द्वारा समस्याओं का मौलिक समाधान प्राप्त किया जा सकता है।
(2) इसमें ऐसी परिस्थिति का निर्माण होता है जिसमें छात्रों को स्वतन्त्र चिन्तन करने का अवसर मिलता है।
(3) यह व्यूहरचना मनोवैज्ञानिक एवं शैक्षिक दृष्टिकोण पर आधारित होती है ।
(4) इसके द्वारा छात्रों में सृजनशीलता का विकास होता है।
(5) यह छात्रों में अवसारी चिन्तन का विकास करता है।
मस्तिष्क उद्वेलन व्यूहरचना के उपयोग में ध्यान देने योग्य बातें– मस्तिष्क उद्वेलन व्यूहरचना के उपयोग में निम्नलिखित बातों पर ध्यान दिया जाता है—
(1) विचार प्रकट करने की आवश्यकता पर अधिक से अधिक बल दिया जाता है ।
(2) विचारों की स्वतंत्रता का स्वागत किया जाता है।
(3) दूसरों की आलोचना करने की अनुमति नहीं दी जाती है।
(4) समस्या प्रस्तुत करने के बाद सभी सदस्यों को इस समस्या पर विचार करने के लिए कहा जाता है।
इस प्रकार विचारों को जोड़ने, मिलाने और उनमें सुधार का प्रयास किया जाता है।
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