समस्या समाधान विधि से आपका क्या तात्पर्य है?
समस्या समाधान विधि से आपका क्या तात्पर्य है?
उत्तर— समस्या समाधान विधि का आशय–समस्या समाधान विधि विद्यार्थी की मानसिक क्रिया पर आधारित है क्योंकि इस विधि में समस्या का चयन करके विद्यार्थी स्वयं के विचारों एवं तर्क शक्ति के आधार पर मानसिक रूप से समस्या का हल ढूँढकर नवीन ज्ञान प्राप्त करता है।
गेट्स तथा अन्य के अनुसार, “समस्या समाधान, शिक्षण का एक रूप है जिसमें उचित स्तर की खोज की जाती है । “
सी.वी. गुड के शब्दों में, “समस्या समाधान – विधि में विद्यार्थी चुनौतीपूर्ण स्थितियों के निर्माण द्वारा सीखने की ओर प्रेरित होता है। यह एक ऐसी विशिष्ट विधि है जिसमें लघु किन्तु सम्बन्धित समस्याओं के सामूहिक समाधान के माध्यम से एक बड़ी समस्या का समाधान किया जा सकता है।”
स्किनर के अनुसार, “समस्या समाधान एक ऐसी रूपरेखा है जिसमें सृजनात्मक चिंतन तथा तर्क दोनों होते हैं। “
जॉर्ज जानसन ने लिखा है, “मस्तिष्क को प्रशिक्षित करने का सर्वोत्तम ढंग वह है जिसके द्वारा मस्तिष्क के समक्ष वास्तविक समस्याएँ उत्पन्न की जाती हैं और उसको उनका समाधान निकालने के लिए अवसर तथा स्वतंत्रता प्रदान की जाती है। “
वुडवर्थ के अनुसार, “समस्या समाधान उस समय प्रकट होता है जब उद्देश्य की प्राप्ति में किसी प्रकार की बाधा पड़ती है। यदि लक्ष्य तक पहुँचने का मार्ग सीधा और आसान हो तो समस्या आती ही नहीं।”
वास्तव में, समस्या उस परिस्थिति को कहते हैं जिसके लिए मनुष्य । के पास पहले से तैयार कोई हल नहीं होता। ऐसी परिस्थिति में मनुष्य को तुरन्त ही उस परिस्थिति का सामना करने के लिए साधन जुटाने पड़ते हैं, बहुत-सी बातों के बारे में सोचना पड़ता है। कभी उसे वह समस्या ही नहीं लगती और यह सोचकर व्यक्ति कुछ भी नहीं करता। कई बार व्यक्ति को समस्या अच्छी तरह से समझ ही नहीं आती।
समस्या समाधान विधि में विद्यालय का पाठ्यक्रम इस प्रकार संगठित किया जाता है कि बालकों के सामने एक वास्तविक समस्या उत्पन्न हो सके।
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