Bihar Board Class 9Th Hindi chapter 11 सूखी नदी का पुल Solutions | Bseb class 9Th Chapter 11 सूखी नदी का पुल Notes

Bihar Board Class 9Th Hindi chapter 11 सूखी नदी का पुल Solutions | Bseb class 9Th Chapter 11 सूखी नदी का पुल Notes

प्रश्न- स्टेशन के बाहर लगी जीप को देखकर लीलावती के मन को क्यों ठेस लगी ?
उत्तर— जब लीलावती मुम्बई शहर से गाँव में आई तो उसका मन बैलगाड़ी से यात्रा करने का था। शहर की आधुनिकता से तो वह परिचित ही थी, वह यहाँ गाँव की मिठास महसूस करना चाहती थी। लेकिन जीप होने के कारण बैलगाड़ी में चढ़ने का उसका स्वप्न टूट गया, इसलिए जीप को देखकर लीलावती के मन को ठेस लगी।
प्रश्न- ‘बुच्चीदाय’ सुनने में लीलावती को आनंदातिरेक की अनुभूति क्यों होती है ?
उत्तर— बुच्ची दाय लीलावती के बचपन का नाम था। बुच्ची दाय संबोधन मात्र से ही वह अपने बचपन के दिनों में चली जाती थी और यह नाम उसे गाँव की हर आदमी और भैया के प्यार की याद दिलाती थी अतः यह नाम सुनकर लीलावती को आनंद की अनुभूति होती है।
प्रश्न- बुच्ची दाब को सबसे ज्यादा किसकी याद आती है और क्यों ?
उत्तर— बुच्ची दाय को सबसे ज्यादा ‘सहेलिया माय’ की याद आती है क्योंकि सहेलिया माय ही बुच्ची दाय की दूसरी माँ है जिसने उसे अपने स्तनों का दूध पिलाकर जिंदा रखा। क्योंकि बुच्ची दाय के जन्म के समय उसकी माँ का दूध नहीं उतरता था।
प्रश्न- गाँव में लीलावती फोन, फ्रीज, डी.बी. सी.डी की जगह क्या देखना चाहती है ?
उत्तर— लीलावती गाँव में फोन, फ्रीज, टी.वी. के जगह अपने नयहर की पहलेवाली असुविधाओं को देखना चाहती थी। ये सारे भागे-विलास की सामग्री तो थे ही उसके पास, वह तो गाँव में सखी-सहेलियाँ, नदी-पोखर, खेत-खलिहान, बुढ़िया बाड़ी आदि सब देखना चाहती थी।
प्रश्न- लीलावती खवास ढोली और बबुआन टोली को तबाह होने से किस प्रकार बचा लेती है ? 
उत्तर— बुच्ची दाय की पाँच एकड़ की जमीन खवास टोली और बबुआन टोली के बीच झगड़ा का मूल कारण था । इस लड़ाई से दोनों टोली का अमन-चैन छिन गया था। लीलावती अपनी जमीन सहेलिया माय के नाम रजिस्ट्री कर उनसे मेल-मिलाप करवा दोनों टोली को बर्बाद होने से बचा लेती है।
प्रश्न- लीलावती अपने पाँच एकड़ की जमीन भैया को न देकर सहेलिया माय के नाम करने का फैसला क्यूँ करती है ?
उत्तर— लीलावती की पाँच एकड़ जमीन को ले खवास टोली और बबुआना टोली में आये दिन संघर्ष होते रहता था । सहेलिाय माय का लीलावती पर दूध का कर्ज था और वह आर्थिक रूप से काफी कमजोर थी। अतः लड़ाई सुलझाने एवं अपना कर्ज उतारने के लिए लीलावती यह जमीन भैया के बजाए सहेलिया माय के नाम करने का फैसला करती है।
प्रश्न- ‘सूखी नदी का पुल’ शीर्षक की सार्थकता पर विचार करते हुए कहानी का केन्द्रीय भाव स्पष्ट करें।
उत्तर— इस कहानी का समस्त घटनाएँ सूखी नदी के पुल की तरह ही है। इसके केन्द्रीय भाव के अन्तर्गत गाँव के सामाजिक वातावरण को प्रस्तुत किया गया है। गाँव में जिस तरह के जातीयता और सामाजिकता की नदी में लोग उबते डुबते रहते है उसी के मार्मिक रूप को दिखाया गया है। साथ ही इसमें लोगों के बीच के दरार खत्म करने वाली मानवीय सोच भी सामने आती है अतः यह शिर्षक बिल्कुल उचित है।
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