Bihar Board Class 9Th Hindi chapter 2 कड़बक Solutions | Bseb class 9Th Chapter 2 कड़बक Notes
Bihar Board Class 9Th Hindi chapter 2 कड़बक Solutions | Bseb class 9Th Chapter 2 कड़बक Notes
प्रश्न- कवि ने प्रेम को अंगूठी के नगीने के समान अमूल्य क्यों माना है ?
उत्तर— कवि का मानना है कि प्रेम अंगूठी के नगीने के समान अमूल्य है क्योंकि जितना कष्ट व परिश्रम के बाद नगीना मिलता है उतना ही कष्ट प्रेम पाने में भी होता है। अर्थात् प्रेम अनमोल होता है।
प्रश्न- कवि ने सच्चे प्रेम की क्या कसौटी बताई है ?
उत्तर— कवि ने इस कविता के माध्यम से बताया है कि सच्चा प्रेम इस संसार में अद्वितीय है। प्रेम की गहराई में जाकर ईश्वर को भी पाया जा सकता है। अतः व्यक्ति को सच्चे प्रेम में तन-मन-धन लगा देने चाहिए।
प्रश्न- ‘प्रेम गहा विधि परगट आवा से कवि ने मनुष्य की किस प्रवृत्ति की ओर संकेत किया है ?
उत्तर— ‘प्रेम गहा विधि परगट आवा’ द्वारा कवि ने मनुष्य की तल्लीनता और प्रेम की गहराई में खो जाने की प्रवृत्ति की ओर संकेत किया है। उन्होंने कहा है कि यदि हम तल्लीन होकर ईश्वर को पाना चाहेगे तो वे भी अवश्य प्रकट होने ।
प्रश्न- प्रेम से व्यक्ति पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर— समाज में एक दूसरे के प्रति प्रेम एक विकसित समाज और खुशहाल वातावरण का निर्माण करता है। कवि का मानना है कि ये संसार प्रेम के बल पे ही चल रहा है और सच्चे प्रेम के द्वारा हम ईश्वर को भी पा सकते हैं।
प्रश्न- प्रेम के शरण में जाने पर जीव की क्या स्थिति होती है ?
उत्तर— प्रेम की शरण में जाकर व्यक्ति हर दुःखों से छुटकारा पा लेता है। वह काल-समय, देश- संसार, मोह-माया से उठकर अमरता को प्राप्त कर लेता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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