Bihar Board Class 9Th Science chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ (Matter in our Surrounding) Solutions | Bseb class 9Th Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ  (Matter in our Surrounding) Notes

Bihar Board Class 9Th Science chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ (Matter in our Surrounding) Solutions | Bseb class 9Th Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ  (Matter in our Surrounding) Notes

प्रश्न- पदार्थ किसे कहते हैं ?
उत्तर— वे सभी वस्तुएँ जिनमें द्रव्यमान एवं आयतन हो, जो कुछ स्थान घेरे एवं अवरोध उत्पन्न करे पदार्थ कहलाती है। जैसे- हवा, पानी, गेंद, कुर्सी, घर, पेड़ आदि ।
प्रश्न- तापमान का S.I. Unit क्या है ?
उत्तर— केल्विन (Kelvin)
प्रश्न- पदार्थ के किन्हीं चार गुणों को लिखो। 
उत्तर— पदार्थ के कणों के मुख्य चार गुण निम्न है—
(i) पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान होते हैं।
(ii) पदार्थ के कण लगातार गतिशील होते हैं ।
(iii) पदार्थ के कण एक-दूसरे कण को आकर्षित करते हैं।
(iv) पदार्थ के कण अत्यंत छोटे होते हैं ।
प्रश्न- निम्न की परिभाषा लिख कर याद करें—
(i) विसरण (Diffusion)
(ii) उर्द्धवपातन (Sublimation)
(iii) वाष्पीकरण (Evaporation )
(iv) कवथनांक (Boiling point)
(v) आन्तराण्विक बल (Intermolecular Force)
(vi) द्रवण की गुप्त ऊष्मा ( Latent Heat of fusion)
उत्तर— विसरण– दो या दो से अधिक पदार्थ के कणों का आपस में मिश्रित होने की प्रक्रिया विसरण कहलाती है यह प्रक्रिया सामान्यतः ताप बढ़ने से बढ़ती है।
(ii) उर्द्धवपातन– जिस प्रक्रिया में किसी ठोस पदार्थ को गर्म किये जाने पर वो द्रव में बदले बिना सीधे वाष्प में एवं वाष्प को ठंडा करने पर सीधे ठोस में परिवर्तित हो जती है, उर्द्धवपातन कहलाती है। उदाहरण– कपूर का जलना, नैफ्थलीन का खुली हवा में गायब होना ।
(iii) वाष्पीकरण–किसी द्रव पदार्थ का क्वथनाक से कम तापमान या कमरे के ताप पर वाष्प बन के वायुमंडल में मिलने की प्रक्रिया वाष्पीकरण कहलाती है ।
(iv) बवथनांक– जिस तापमान पे किसी द्रव के वाष्प का दाब वायुमंडलीय दाब के बराबर हो जाता है और पदार्थ द्रव अवस्था से गैसीय अवस्था में परिवर्तित होना प्रारंभ कर देती है, पदार्थ की क्वथनांक कहलाती है।
उदाहरण–जल 100° C पर उबलने लगता है, अतः 100°C जल का क्वथनांक है ।
(v) अन्तराण्विक बल– किसी पदार्थ के कणों के बीच लगने वाले आकर्षण बल को आन्तराण्विक बल कहते हैं। यह ठोस में सबसे अधिक और गैस में सबसे कम होती है ।
(vi) द्रवण की गुप्त ऊष्मा– वायुमंडलीय दाब पर एक किलोग्राम ठोस पदार्थ द्वारा बिना तापमान में वृद्धि हुए उसके द्रवणांक पर ही द्रव में बदलने के लिए खर्च की गई ऊष्मा गुप्त ऊष्मा कहलाती है।
(vii) सपीड्यता (Compressibility)– पदार्थ का वह गुण जिसके फलस्वरूप पदार्थ पर दाब बढ़ाकर या घटाकर इनके आयतन को क्रमशः बढ़ाया या घटाया जा सकता है, संपीड्यता कहलाती है।
प्रश्न- ठोस, द्रव तथा गैस में अंतर स्पष्ट करें।  
उत्तर—
ठोस  द्रव  गैस 
इनका आकार वआयतन निश्चित होता है।
इनका आयतन निश्चित जबकि आकार अनिश्चित होता है
गैस का आयतन व आकार दोनों अनिश्चित होता है।
इसका गलनांक कमरे के ताप से अधिक होता है।
इसका गलनांक कक्षताप से कम होता है।
इसका गलनांक अनिश्चि होता है।
ठोस के कणो के बीच का अन्तरा–ण्विक बल बहुत मजबूत होता है।
इनके कणों के बीच का अन्तराण्विक बल
कमजोर होता है।
कणों के बीच का अन्तराण्विक बल बहुत
ज्यादा कमजोर होता है।
संपीड्यता का गुण बहुत कम होती है।
द्रव ठोस से ज्यादा संपीडित होते हैं।
संपीड्यता का गुण सबसे अधिक होता है।
कणों के बीच की दूरी बहुत कम होती है।
कणों के बीच की दूरी कुछ ज्यादा होती है।
कणों के बीच की दूरी बहुत ही ज्यादा होती है।
प्रश्न- निम्नलिखित में से कौन से पदार्थ है ?
कुर्सी, वायु, स्नेह, घृणा, बादाम, विचार, शीतल पेय, इत्र की सुगंध आदि ।
उत्तर— कुर्सी, वायु, बादाम, शीतल पेय, इत्र की सुगंध आदि पदार्थ है। नोट : इत्र की सुगंध भी पदार्थ की गैसीय अवस्था है।
प्रश्न- गर्म खाने की सुगंध आपके पास कई मीटर दूर से ही कैसे आ जाती है।
उत्तर— गर्म खाने का तापमान अधिक होने के कारण भोजन के कणों का हवा में तेजी से विसरण होता है अतः इसकी सुगंध कई मीटर दूर से ही आ जाती है।
प्रश्न- पदार्थ के कणों की क्या विशेषताएँ होती है ?
उत्तर— पदार्थ के कणों के मुख्य चार विशेषताएँ निम्न है—
(i) पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान होते हैं।
(ii) पदार्थ के कण लगातार गतिशील होते हैं ।
(iii) पदार्थ के कण एक-दूसरे कण को आकर्षित करते हैं।
(iv) पदार्थ के कण अत्यंत छोटे होते हैं ।
प्रश्न- बढ़ते हुए घनत्व के क्रम में निम्नलिखित को व्यवस्थित करें—वायु, चिमनी का धुआँ, शहद, जल, चॉक, रूई, लोहा 
उत्तर— वायु < चिमनी का धुआँ < रूई < जल < शहद < चॉक < लोहा।
प्रश्न- बर्फ का टुकड़ा पानी में क्यों तैरता है ?
उत्तर— जल के द्रव अवस्था से ठोस में यानि बर्फ में बदलने पर हाइड्रोजन आबंध के कारण इसकी आयतन बढ़ जाती है। अतः आयतन ज्यादा होने के कारण इसका घनत्व पानी से कम होता है और यह पानी में तैरता है।
नोट: हाइड्रोजन आबंध के विषय में आप आगे की कक्षा में जानेंगे।
प्रश्न- गर्मियों में घड़े का जल ठंडा क्यों होता है ?
उत्तर— घड़े में छोटे-छोटे रन्ध्र (छेद) होते हैं। जिससे धीरे-धीरे पानी रिसता रहता है और वायुमंडल के सम्पर्क में आने पर इसका वाष्पीकरण होते रहता है। वाष्पीकरण के लिए ऊष्मा ये घड़े के जल से लेती है जिससे घड़े का पानी ठंडा रहता है।
प्रश्न- गर्मियों में हमें किस प्रकार के कपड़े पहनने चाहिए ? 
उत्तर— गर्मियों के दिन में हमें सफेद या हल्के रंग के सूती कपड़े, पहनने चाहिए। क्योंकि सफेद या हल्के रंग के कपड़े में गर्मी कम लगती है और सूती कपड़ा जल का एक अच्छा शोषक होती है। अतः यह हमारे शरीर से निकलने वाली पसीने को सोख लेता है।
प्रश्न- निम्न तापमानों को सेल्सियस में परिवर्तित करें—
(a) 300K      (b)573K       (c) 273 K
उत्तर— (a) 300 K = (300-273) = 27°C
(b) 573 K = (573 – 273) = 300° C
(c) 273 K = (273 – 273) = 0° C
प्रश्न- निम्न तापमानों को केल्विन में परिवर्तित करें ।
(a) 25° C    (b) 373° C    (c) 0° C
उत्तर— (a) 25° C = (25 + 273) K = 298 K
(b) 373° C = (373 + 273 ) K = 646K
(c) 0° C = (0 + 273) K = 273 K
प्रश्न- निम्नलिखित अवलोकनों के कारण लिखो—
उत्तर— (a) नैफ्थलीन को रखा रहने देने पर यह कुछ भी ठोस छोड़े बिना अदृश्य हो जाती है।
कारण- क्योंकि नैफ्थलीन का उद्धर्वपातन हो जाता है अर्थात वे ठोस .से सीधे गैस में बदलकर गायब हो जाते हैं।
(b) इत्र की सुगंध दूर बैठे हुए के पास भी पहुँच जाती है ?
कारण- इत्र के कण विसरण के द्वारा हवा में चारो तरफ फैल जाती है। अतः दूर बैठे हुए लोगों तक भी इसकी खुशबु पहुँच जाती है।
प्रश्न- निम्न तापमानों पर जल की भौतिक अवस्था क्या है ?
(a) 25° C       (b) 0°C        (c) 100°C
उत्तर— (a) 25° C – द्रव (जल) (b) 0° C – ठोस (बर्फ) (c) 100°C-गैस (वाष्प)
प्रश्न- 273K यानि 0°C पर बर्फ इसी तापमान पर पानी से अधिक ठंडक क्यूँ पहुँचाती है ?
उत्तर— 273 K या 0° C पर बर्फ के कणों की ऊर्जा पानी की अपेक्षा कम होती है जिसके कारण यह वातावरण से ज्यादा ऊष्मा अवशोषित कर अधिक ठंडक पहुँचाती है।
प्रश्न- उबलते हुए जल अथवा भाप में से जलने की तीव्रता किसमें अधिक महसूस होगी ?
उत्तर— किसी ताप पर वाष्प के कणों की ऊष्मा उसी ताप पर जल के. कणों की ऊष्मा से अधिक होती है क्योंकि भाप (वाष्प) गुप्त ऊष्मा के रूप में अत्यधिक ऊष्मा ग्रहण की हुई होती है अतः भाप उबले हुए जल की तुलना में अधिक जलन प्रदान करती है।
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