विधुत शक्ति क्या है ? निगमन करे H= I 2Rt जहाँ H ,किसी प्रतिरोधक R में विधुत धारा द्विारा I समय t में उत्पन्न ऊष्मा की मात्रा है।
विधुत शक्ति क्या है ? निगमन करे H= I 2Rt जहाँ H ,किसी प्रतिरोधक R में विधुत धारा द्विारा I समय t में उत्पन्न ऊष्मा की मात्रा है।
उत्तर ⇒ कार्य करने की दर को शक्ति कहते हैं। अगर कोई कार्यकर्ता t सेकेण्ड में W कार्य करे तो
शक्ति = W/t
अथवा ऊर्जा के उपभुक्त होने की दर को शक्ति कहते हैं।
शक्ति P को इस प्रकार व्यक्त करते हैं –
P = VI
अथवा P = VI = I2R =V2 /R
इसका S.I मात्रक वाट है।
जब किसी चालक से विधुत धारा प्रवाहित की जाती है तो चालक में विधुत ऊर्जा ऊष्मा के रूप में प्रकट होती है जिससे चालक गर्म हो जाता है। इसे विधुत धारा का उष्मीय प्रभाव कहा जाता है।
जब किसी चालक से विधुत धारा का प्रवाह होता है तो धारावाही इलेक्ट्रोन तार के धनायन से टकराते हैं जिससे धनायनों की ऊर्जा दुगुनी बढ़ जाती है। यह ऊर्जा तार में ताप के रूप में प्रकट होती है। इलेक्ट्रॉन के प्रवाह में धनायन द्वारा प्रस्तुत किये गये बाधा को प्रतिरोध कहा जाता है।