क्या कारण है कि आकृति, आकार, रंग-रूप में इतने भिन्न दिखाई पड़ने वाले मानव एक ही स्पीशीज के सदस्य हैं ?

क्या कारण है कि आकृति, आकार, रंग-रूप में इतने भिन्न दिखाई पड़ने वाले मानव एक ही स्पीशीज के सदस्य हैं ?

उत्तर ⇒ सभी दिशाओं में मानव का प्रव्रजन हुआ। आकृति, आकार, रंग-रूप में इतने भिन्न दिखाई पड़नेवाले मानव एक ही स्पीशीज के सदस्य हैं, मानव के DNA अनुक्रम तथा Y क्रोमोसोम तथा उनमें हुए उत्परिवर्तनों के अध्ययन से ही संभव हुआ है। आज रक्त के एक नमूने के विश्लेषण से किसी व्यक्ति के पूर्वजों की खोज की जा सकती है। इस विश्लेषण से यह भी जाना जा सकता है कि किसी व्यक्ति विशेष के पूर्वज संसार के किस भाग के मूल निवासी थे। ऐसा माइटोकॉण्डिया के DNA तथा क्रोमोसोम के अध्ययन से ही संभव हो पाया है। वर्तमान समय के सभी मानवों के जीन कोश (gene pool) एक समान होने के कारण सभी मानव एक ही प्रजाति (Homo sapiens) कहलाते हैं। हालाँकि विभिन्न क्षेत्रों के मानवों के गुणों की तुलना करने पर उनमें कई प्रकार की व्यक्तिगत विभिन्नताएँ पायी जाती हैं, जैसे त्वचा तथा बालों के रंग, शरीर की लंबाई एवं गठन इत्यादि।

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