सामाजिक विविधता राष्ट्र के लिए कब घातक बन सकती हैं ?
सामाजिक विविधता राष्ट्र के लिए कब घातक बन सकती हैं ?
उत्तर- सामाजिक विविधता वैसे तो समाज के विकास का लक्षण है लेकिन जब यह विविधता लोगों में तनाव संघर्ष व अलगाववाद को जन्म देती है तो यह राष्ट्र के लिए घातक बन जाती है। भारत में जाति, धर्म, संस्कृति, भाषा आदि की विविधताएँ पायी जाती हैं। लेकिन निहित स्वार्थों तथा सहनशीलता के अभाव में विविधताएँ सामाजिक तनाव का कारण बन जाती हैं. जो राष्टीय एकता के लिये घातक है।