“कृषि बिहार की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।” इस कथन की व्याख्या कीजिए।
“कृषि बिहार की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।” इस कथन की व्याख्या कीजिए।
उत्तर-बिहार में 90% लोग गाँवों में रहते हैं और यहाँ की 80% आबादी कषि पर निर्भर है। यह एक कृषि प्रधान राज्य है। झारखण्ड के अलग हो जाने के बाद बिहार के लोगों के लिए जीविका का मुख्य आधार कृषि ही है अर्थात् कृषि का महत्त्व अधिक बढ़ गया है। 1990-91 ई० में यहाँ 48.88% भूमि पर कृषि की जाती थी। 2005-06 ई० में बढ़कर 59.37% हो गया। यहाँ भदई और अगहनी फसल धान, ज्वार, बाजरा, मकई, अरहर और गन्ना उपजाए जाते हैं। रबी फसल में गेहूँ, जौ, दलहन एवं तिलहन उपजाये जाते हैं और गरमा फसल, गरमा धान तथा विभिन्न प्रकार की सब्जियाँ उगाई जाती हैं। व्यावसायिक फसलों में गन्ना, जूट और तम्बाक प्रमुख हैं। सब्जियों के अंतर्गत आलू, प्याज, भिंडी, परोर, लौकी, पालक, लाल साग, लूबिया, फूलगोभी, पटल, पत्ता गोभी आदि उपजाये जाते हैं। मौसमी फलों में आम, अमरूद, केला, लीची, पपीता, सिंघाड़ा, मखाना आदि प्रमुख है। मसालों में मिर्च, हल्दी, अदरख, धनिया, सौंफ, लहसून आदि की खेती की जाती है। बिहार में विभिन्न प्रकार के खाद्यान्न, दलहन, तिलहन, व्यावसायिक फर ल, मसाले एवं फलों का उत्पादन किया जाता है जिसके फलस्वरूप बिहार की अर्थव्यवस्था की रीढ कषि है।