Bihar Board Class 9Th Hindi chapter 10 ‘निम्मो की मौत पर’ Solutions | Bseb class 9Th Chapter 10 ‘निम्मो की मौत पर’ Notes
Bihar Board Class 9Th Hindi chapter 10 ‘निम्मो की मौत पर’ Solutions | Bseb class 9Th Chapter 10 ‘निम्मो की मौत पर’ Notes
प्रश्न- कवि ने निम्मो की तुलना भींगी हुई चिड़िया से क्यों की है ?
उत्तर— कवि ने निम्मो की तुलना भींगी हुई चिड़िया से की है क्योंकि जिस तरह भींगी हुई चिड़िया उड़ने में असमर्थ होती है उसकी तरह लाख कोशिशो के बावजूद निम्मो उस दलदल से बाहर नहीं आ सकती थी।
प्रश्न- निम्मो समाज के किस वर्ग का प्रतिनिधित्व करती है ?
उत्तर— निम्मो समाज के सबसे निम्न वर्ग यानि श्रमिक वर्ग का प्रतिनिधित्व करती है। श्रमिक वर्ग को काम के बदले पूरा पैसा नहीं मिलता है और साथ ही कार्य में थोड़ी सी भी गलती होने पर गाली, लात, घूंसे आदि खाने पड़ते है। निम्मो भी एक नौकरानी है जिसे श्रम का उचित मूल्य नहीं मिलता है।
प्रश्न- निम्मो को जो यातनाएँ दी जाती थीं। उसे कविता के आधार पर अपने शब्दो में व्यक्त करे।
उत्तर— निम्मो को अपने श्रम का उचित मूल्य नहीं मिलता था साथ ही थोड़ी सी भी गलती होने पर उसे गालियाँ, लात घूंसे आदि सहने पड़ते थे। ठंड के दिनों में भी उसे एक चादर भी नसीब नहीं है और उसे ठण्डे फर्श पर सोना पड़ता है। निम्मो अंधेरे कोने में छिपकर सूखी रोटी और तीन दिन बासी साग चोरो की तरह खाती थी ।
प्रश्न- पूरी धरती कम्पन पसर जाने का क्या कारण है ?
उत्तर— निम्मो को काम करने के बावजूद भी लात, घूंसे, गाली-बात व लानते सहनी पड़ती थी। वह ठण्डे फर्श पर सोती थी। अतः उसकी लाचारी, गुलामी और शोषण पूरी धरती पर कम्पन पसर जाने का कारण था।
प्रश्न- “निम्मो की मौत पर शीर्षक कहाँ तक सार्थक है? तर्क सहित उत्तर दें।
उत्तर— निम्मो मुंबई महानगर में नौकरानी का काम करती है। उसका मालिक उसका भरपूर शोषण करता है और उसे ठीक से खाना भी नहीं, देता है। यातनाओं के वजह से निम्मो साठ वर्ष की औसत आयु के बजाया तीस वर्ष में ही मर जाती हैं कवि को महानगर की असंवेदनाशीलता में निम्मो की मौत का दुःख होता है। अतः वह उसके श्रद्धांजलि में कविता रखता है। इस तरह ‘निम्मो की मौत पर’ शीर्षक सार्थक है।
प्रश्न- भाव स्पष्ट करें:- ‘यह शरीर जो तीस बरस से इस दुनिया में था और तीस बरस उसे रहना था यहाँ।
उत्तर— प्रस्तुत पंक्तियाँ विजय कुमार की कविता ‘निम्मो की मौत ‘ से ली गई है। इस कविता के अनुसार निम्मो को ठीक से खाना भी नही दिया जाता था। उसे तीन दिन की सूखी रोटी व बासी साग भी चोरों के तरह नसीब होता था। भोजन एवं स्वास्थ्य के अभाव में कोई भी अपनी पूरी आयु नहीं जी सकता। इसलिए जहाँ निम्मो को साठ वर्ष का सामान्य आयु जीना था वहाँ वह तीस साल में ही दुनिया छोड़ चली।
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