Bihar Board Class 9Th Hindi chapter 12 शिक्षा में हेरफेर Solutions | Bseb class 9Th Chapter 12 शिक्षा में हेरफेर Notes
Bihar Board Class 9Th Hindi chapter 12 शिक्षा में हेरफेर Solutions | Bseb class 9Th Chapter 12 शिक्षा में हेरफेर Notes
प्रश्न- बच्चों के मन की वृद्धि के लिए क्या आवश्यक है ?
उत्तर— बच्चों के मन की वृद्धि के लिए शिक्षा के साथ स्वाधीन पाठ को मिलाना आवश्यक है। साथ-ही-साथ उन्हें रचनात्मक व कलात्मक ज्ञान देना भी अनिवार्य है।
प्रश्न- बच्चों के हाथ में यदि कोई मनोरंजन की पुस्तक दिखाई पड़ी तो वह फौरन क्यों छीन ली जाती है? इसका क्या परिणाम होता है ?
उत्तर— हम अपने बच्चे को शीघ्र विदेशी भाषा का ज्ञान दिलाकर परीक्षा पास कराने के काम में लगे हुए है। हमें लगता है कि वो कोर्स की पुस्तक से ज्यादा सीख सकते हैं और मनोरंजन आदि की पुस्तकें उनको गलत शिक्षा देती है। अतः उनकी हाथ से मनोरंजन की पुस्तकें हम तुरंत छीन लेते हैं। इससे बच्चे पर बुरा प्रभाव पड़ता है और वे व्याकरण, इतिहास, भूगोल के अलावे और कुछ नहीं सीख पाते हैं ।
प्रश्न- हमारे बच्चे जब विदेशी भाषा पढ़ते है तो उनके मन में स्मृति जागृत क्यों नहीं होती ?
उत्तर— विदेशी भाषा का हमारे भाषा के साथ शब्द – विन्यास और पद- विन्यास की दृष्टि से कोई सामंजस्य ही नहीं बैठता। शुरू से अंत तक उन्हें अपरिचित शब्द मिलते हैं जिन्हें वो समझ नहीं पाते है और रटना प्रारंभ कर देते हैं। अतः उके सामने कोई चित्र प्रस्तुत ही नहीं होता और उनके मन में कोई स्मृति जागृत नहीं होती ।
प्रश्न- अंग्रेजी भाषा और हमारी हिंदी में सामंजस्य न होने के कारणों का उल्लेख करे ।
उत्तर— हिंदी और अंग्रेजी भाषा की लिपियाँ अलग-अलग है, हिन्दी को देवनागरी में लिखी जाती है वहीं अंग्रेजी को रोमन में। इस वजह से शब्द – विन्यास और पद-विन्यास की दृष्टि से हिंदी अंग्रेजी का कोई ताल-मेल नहीं है। अंग्रेजी भाषा भाव आचार-विचार व साहित्य में हिंदी से अलग है इसी कारण से इसमें कोई सामंजस्य नहीं है।
प्रश्न- जीवन यात्रा संपन्न करे के लिए क्या आवश्यक है ?
उत्तर— जीवन-यात्रा संपन्न करने केलिए चिंतन-शक्ति और कल्पना-शक्ति दोनों का होना अति आवश्यक है।
प्रश्न- शिक्षा और जीवन एक-दूसरे का परिहास किन परिस्थितियों में करते हैं ?
उत्तर— पुस्तकीय विद्या के विपरित दिशा में चलते-चलते हमारे मन में उस विद्या के प्रति अविश्वास और अश्रद्धा जन्म ले लेती है। जैसा कि पुस्तक हमें सच्चाई का पाठ पढ़ाता है जबकि असल में झूठ का बोल बाला है।
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