Bihar Board Class 9Th Hindi chapter 2 बिहार की संगीत साधना Solutions | Bseb class 9Th Chapter 2 बिहार की संगीत साधना Notes
Bihar Board Class 9Th Hindi chapter 2 बिहार की संगीत साधना Solutions | Bseb class 9Th Chapter 2 बिहार की संगीत साधना Notes
प्रश्न- समुद्रगुप्त कौन थे ? वे किस वाद्य को बजाने में प्रवीण थे ?
उत्तर— समुद्रगुप्त भारत के सम्राट थे । वे वीणा बजाने में प्रवीण थे ।
प्रश्न- बिहार में शास्त्रीय संगीत के कितने और कौन-कौन रूप विशेष प्रचलित रहे हैं ?
उत्तर— बिहार में शास्त्रीय संगीत के तीन रूप प्रचलित रहे हैं।
(i) ध्रुपद, (ii) ख्याल, (iii) ठुमरी ।
प्रश्न- बेतिया घराना का संक्षिप्त इतिहास दीजिए ।
उत्तर— बेतिया ‘ध्रुपद’ शास्त्रीय संगीत का नैहर है। बेतिया के राजा गज सिंह ने मलिक बन्धुओं को कुरुक्षेत्र से लाकर अपने दरबार में शरण दी । बेतिया में दूसरे प्रान्त से लोग ध्रुपद की शिक्षा ग्रहण करने आते थे । बेतिया घरानों के ध्रुपद गायकों में कुंज बिहारी मलिक, श्यामा मलिक, उमाचरण मलिक, बच्चा मलिक शंकर लाल मिश्र प्रमुख थे । अखिल भारतीय संगीत समारोह जो 1936 में मुजफ्फरपुर में सम्पन्न हुआ था। कुंज बिहारी मिश्र की धूम रही।
प्रश्न- दरभंगा घराना के सर्वश्रेष्ठ गायक कौन माने जाते हैं ?
उत्तर— दरभंगा घराने के सर्वश्रेष्ठ गायक पं० रामचतुर मलिक माने जाते हैं ।
प्रश्न- धनगाँई ग्राम कहाँ पड़ता है ? बिहार के शास्त्रीय संगीत परम्परा में उस गाँव का क्या महत्त्व है ?
उत्तर— डुमराँव बक्सर जिला में पड़ता है। धनगाँई निवासी पं० ध नारंग दूबे डुमराँव महाराज के दरबार के सम्मानित गायक तथा उच्च कोटि के कवि रहे हैं। इसी गाँव के रघुनन्दन दूबे, सहदेव दूबे तथा रामप्रसाद पाण्डेय ने शास्त्रीय गायन में ख्याति पाई है। रामप्रसाद पाण्डेय के गायन की प्रशंसा कवि रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने भी की है। इस तरह धनगाँई गाँव ने शास्त्रीय गायन में अपना नाम ऊँचा किया है।
प्रश्न- ज़मीरा गाँव के संगीत साधक कौन थे ? उनकी क्या विशेषता थी ?
उत्तर— जमीरा गाँव के संगीत साधक के रूप में लल्लन सिंह का नाम आता है। इन्होंने ध्रुपद गायन के विकास में योगदान दिया। ये पखवाजवादकों में एक थे ।
प्रश्न- श्यामनन्दन सिंह कौन थे ? संगीत के प्रति उनमें कैसे रुची जागी थी ?
उत्तर— श्यामनन्दन सिंह वनैली राज के राजकुमार थे, उनकी प्रसिद्धि 2234 गायन के कारण हुआ । श्यामनन्दन सिंह जब दार्जिलिंग जा रहे थे, उन्होंने पं० भीष्मदेव चटर्जी का रिकार्ड सुना । फलतः उनकी इच्छा चटर्जी से संगीत सीखने की हुई।
प्रश्न- संगीत में डुमराँव के योगदान पर टिप्पणी लिखें।
उत्तर— धनगाँई के ध्रुपद परिवार का सम्बन्ध डुमराँव के राजघराने से था। इनको प्रसिद्धि डुमराँव घराना से मिली । धनगाँई के पं० धनानन्द दूबे डुमराँव राजदरबार के सम्मानित गायक तथा कवि थे। धनगाँई के ही रघुनन्दन दूबे, सहदेवं दूबे तथा रामप्रसाद पाण्डेय ने काफी ख्याति पाई।
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