Bihar Board Class 9Th Hindi chapter 4 पलक पाँवड़े Solutions | Bseb class 9Th Chapter 4 पलक पाँवड़े Notes
Bihar Board Class 9Th Hindi chapter 4 पलक पाँवड़े Solutions | Bseb class 9Th Chapter 4 पलक पाँवड़े Notes
प्रश्न- कवि को भोर का तारा क्यों भा रहा है ?
उत्तर— कवि को आज सारी प्रकृति अच्छी लग रही है, उसे भोर का तारा भी भा रहा है क्योंकि कवि किसी का इंतजार कर रहा है और उसके लिए पलक पाँवड़े बिछाएँ हुए है।
प्रश्न- ‘रोली भरी थाली’ का क्या आशय है ?
उत्तर— भारतीय परम्परा अनुसार जब कोई व्यक्ति अच्छे मुर्हत में हमारे घर आते हैं तो हम थाली में रोली, चंदन, चावल, फूल, माला इत्यादि रख कर उनका स्वागत करते है। इसी थाली के ‘रोली भरी थाली का नाम दिया गया है।
प्रश्न- कवि को प्रकृति में हो रहे परिवर्तन किस रूप में अर्थपूर्ण जान पड़ते है ?
उत्तर— कवि को हमेशा किसी का इंजतार रहता है और उसके आने की खबर सुनते ही वो उछल पड़ता है। उस समय प्रकृति में हो रही सभी घटना उसे अपने लिए जान पड़ते है। जैसे सभी उसकी खुशी में शामिल है। इसलिए उसे भोर का तारा, निकलता हुआ सूरज, चहकती हुई चिड़िया सब अर्थपूर्ण जान पड़ते है।
प्रश्न- हवा के कौन कौन से कार्य व्यापार कविता में बताये गये है ?
उत्तर— कवि को हवा का मंद-मंद बहना, एकाएक थम जाना, जहाँ-तहाँ रूके जाना, एक जगह जमा होना आदि हवा का कार्य-व्यापार लगता है।
प्रश्न- सुनहली चादरे कहाँ बिछी हुई है और क्यों ?
उत्तर— लाल-नीले सफेद व हरे पत्तों से झील, तालाब और नदियों में सुनहली चादरें बिछी हुई है। सूर्य का प्रकाश जब जल पे पड़ता है तो परावर्तन के कारण वह स्वर्णवर्णी हो जाता है जिससे सुनहली चादर बिछी हुई प्रतीत होती है।
प्रश्न- प्रकृति स्वर्ग की बराबरी कैसे करती है ?
उत्तर— उस सुबह चिड़ियाँ बहुत चहक रही थी और हवा सँभल-सँभल कर चली रही थी। सूर्य के प्रकाश के कारण झील तालाब और नदियाँ में सुनहली चादर बिछी हुई थी। इस ठाट-बाट को देख कवि को लगता है कि प्रकृति स्वर्ग की बराबरी कर रही है।
प्रश्न- कवि को किसकी उत्कंठित प्रतीक्षा है ?
उत्तर— कवि को अपनी ‘प्रिया’ की उत्कठित प्रतीक्षा है। इसलिए वह अपने ‘प्रिया’ के इंतजार में पलक पाँवड़े विछाए हुए है।
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