Chandrayaan-3 के विक्रम लैंडर को मिलने जा रहा नया पड़ोसी, दो दिन बाद चांद पर ऐतिहासिक लैंडिंग

Chandrayaan-3 के विक्रम लैंडर को मिलने जा रहा नया पड़ोसी, दो दिन बाद चांद पर ऐतिहासिक लैंडिंग

2023 में इसरो के मिशन चंद्रयान-3 ने दक्षिण ध्रुव पर विक्रम लैंडर को उतारकर इतिहास रचा था। ऐसा कारनामा करने वाला भारत पहला देश बना था। अब दो साल बाद विक्रम लैंडर को नया पड़ोसी मिलने जा रहा है। निजी अंतरिक्ष कंपनी इंट्यूटिव मशीन का एथेना लूनर लैंडर 6 मार्च को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंडिंग करेगा। यह मिशन चंद्र अन्वेषण में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगा, क्योंकि एथेना भी उन अंतरिक्ष यानों में शामिल हो जाएगा जो चंद्र सतह पर उतरने की योजना बना रहे हैं।

नासा के आर्टेमिस अभियान का हिस्सा

एथेना लैंडर नासा के कमर्शियल लूनर पेलोड सर्विसेज (CLPS) कार्यक्रम और आर्टेमिस अभियान का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य चंद्रमा पर दीर्घकालिक मानव उपस्थिति स्थापित करना है। एथेना चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव से लगभग 160 किलोमीटर दूर, मॉन्स माउटन क्षेत्र के पास लैंड करेगा। इसका मुख्य उद्देश्य चंद्र सतह का अध्ययन करना और जल-बर्फ की तलाश करना है, जो भविष्य में मानव अभियानों के लिए एक आवश्यक संसाधन साबित हो सकता है।

खास उपकरणों से लैस

लैंडर को ड्रिल और दो रोवर्स से लैस किया गया है, जिसमें एक “हॉपर” ड्रोन ग्रेस भी शामिल है। यह ड्रोन चंद्र सतह पर छोटे-छोटे उछाल भरने में सक्षम होगा और संभावित रूप से एक स्थायी अंधेरे वाले गड्ढे में भी छलांग लगा सकता है।

विक्रम लैंडर को मिलने जा रहा नया पड़ोसी

यहां यह गौर करने वाली बात है कि एथेना मिशन सीधे इसरो के विक्रम लैंडर से संबंधित नहीं है। इसरो ने अगस्त 2023 में चंद्रयान-3 मिशन के तहत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतरा था। हालांकि, यह उसी ध्रुवीय क्षेत्र के करीब लैंड करेगा, जहां विक्रम लैंडर स्थित है। विक्रम लैंडर शैकसगम क्रेटर क्षेत्र में उतरा था, जबकि एथेना लैंडर मॉन्स माउटन पठार के पास उतरने वाला है। दोनों मिशन इस बात को उजागर करते हैं कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव में वैज्ञानिकों की दिलचस्पी लगातार बढ़ रही है।

Source – Hindustan

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