Z – स्कोर क्या है ? इसके उपयोग बताइये ।
Z – स्कोर क्या है ? इसके उपयोग बताइये ।
अथवा
Z – परीक्षण की अवधारणा स्पष्ट कीजिये|
उत्तर— Z प्राप्तांक (Z-Score) –Z प्राप्तांक अन्य मानकीकृत प्राप्तांकों की अपेक्षा अधिक प्रचलित और प्राचीन हैं। Z प्राप्तांकों को सिग्मा प्राप्तांक (Sigma Scores) मानक प्राप्तांक (Standard. Scores) तथा Reduced Score के नाम से भी जाना जाता है।
जेम्स ड्रेवर के अनुसार, “Z-प्राप्तांक σ के रूप में वह प्राप्तांक है जहाँ मूल प्राप्तांक से मध्यमान को घटाकर व्यक्ति का विचलन प्राप्तांक ज्ञात किया जाता है फिर इस विचलन प्राप्तांक को प्रामाणिक विचलन (σ)से भाग दिया जाता है। इस प्रकार से प्राप्तांक ही Z-प्राप्तांक कहलाता है।”
Z-प्राप्तांक मूल प्राप्तांकों का ही रूपान्तरण है। ये प्राप्तांक मूल प्राप्तांकों (Raw Scores) से रेखीय रूपान्तरण (Linear Transformation) द्वारा प्राप्त होते हैं। रेखीय रूपान्तरण उस रूपान्तरण को कहा जाता है जिसमें मूल प्राप्तांकों (Raw Scores) के सभी गुण या विशेषताएँ रूपान्तरित प्राप्तांकों के वितरण (Distribution) में बिना किसी तरह के परिवर्तन के ही पाए जाते हैं। इसका परिणाम यह होता है कि वे सभी सांख्यिकीय गणनाओं (Statistical Calculation) जो मूल प्राप्तांकों (Raw Scores) से प्राप्त होते हैं के साथ भी दिए जाते हैं।
Z-प्राप्तांक में (परिवर्तित प्राप्तांक) मध्यमान (M) शून्य (०) तथा मानक विचलन (σ)एक (1) होता है। ये दोनों मान हमेशा निश्चित होते हैं। Z-प्राप्तांक की इकाई वही होती है जो मानक विचलन (σ)की होती है। इनका मान प्राय: -3σ से +3σतक होता है। आधे सिग्मा मूल्य धनात्मक दिशा में तथा आधे सिग्मा मूल्य ऋणात्मक दिशा में होते हैं। किसी मूल प्राप्तांक के Z प्राप्तांक का धनात्मक चिह्न (+ve) यह बताता हे कि वह प्राप्तांक मूल प्राप्तांकों के मध्यमान (M) से अधिक है तथा ऋणात्मक चिह्न (-ve) यह बताता है कि वह मूल प्राप्तांकों के मध्यमान (M) से कम है।
Z- प्राप्तांकों के उपयोग (Uses of Z-Score) – Z प्राप्तांकों का उपयोग निम्न प्रकार से किया जा सकता है—
(1) शिक्षा के क्षेत्र में Z प्राप्तांकों का प्रयोग किसी सन्दर्भ समूह में किसी छात्र के प्राप्तांकों की सार्थक व्याख्या करने, दो छात्रों के प्राप्तांकों की तुलना करने तथा एक ही छात्र के दो विषयों के प्राप्तांकों की तुलना करने के लिए किया जाता है।
(2) इन प्राप्तांकों का मध्यमान तथा मानक विचलन निश्चित होता है। अतः इसके अर्थ को सरलता से समझा जा सकता है।
(3) जब किसी समूह में कोई विशेषता सामान्य रूप से वितरित हो तो प्रतिशतांक क्रम (Percentile Rank) को Z-प्राप्तांक में तथा Z-प्राप्तांक को प्रतिशतांक पद में बदला जा सकता है।
(4) शिक्षा के क्षेत्र में सर्वाधिक प्रयोग इन्हीं प्राप्तांकों का होता है।
(5) जब परीक्षण में प्रश्नों का कठिनता स्तर प्रतिशत (%) के रूप में दिया गया हो तो उसे अन्तराल स्तर (Interval Level) के पैमाने में बदलने के लिए भी Z-Score का प्रयोग किया जाता है।
Z-प्राप्तांक (Z-Score) ज्ञात करने का सूत्र निम्न हैं—
हमसे जुड़ें, हमें फॉलो करे ..
- Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
- Facebook पर फॉलो करे – Click Here
- Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
- Google News ज्वाइन करे – Click Here