अब 15 अनुमंडल अस्पतालों में नवजात के लिए स्पेशल यूनिट; जानिए, आपके जिले में कहां यह सुविधा मिलेगी

अब 15 अनुमंडल अस्पतालों में नवजात के लिए स्पेशल यूनिट; जानिए, आपके जिले में कहां यह सुविधा मिलेगी

बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने घोषणा करने हुए कहा कि राज्य सरकार नवजात शिशुओं और माताओं की बेहतर देखभाल के लिए बिहार के 13 जिलों के 15 अनुमंडलीय अस्पतालों में मदर न्यूबोर्न केयर यूनिट (MNCU) की शुरुआत करने जा रही है। इसका उद्देश्य नवजात मृत्यु दर में कमी लाना और नवजातों को गुणवत्तापूर्ण देखभाल प्रदान करना है। मदर न्यूबोर्न केयर यूनिट एक विशेष देखभाल केंद्र है, जहां उच्च जोखिम वाले शिशुओं को समग्र स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इन इकाइयों में बीमार नवजातों को उनकी माताओं के साथ रखने का प्रावधान है, जिसे जीरो सेपरेशन पद्धति कहा जाता है। इस पद्धति के जरिए माताओं और शिशुओं के बीच बेहतर जुड़ाव होता है, जिससे शिशु को निरंतर गर्माहट, देखभाल और स्तनपान का लाभ मिलता है।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह पहल राज्य में मातृ और शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। राज्य सरकार का लक्ष्य गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक व्यापक रूप से लागू करना है, ताकि नवजात मृत्यु दर में कमी आ सके और शिशु को बेहतर स्वास्थ्य देखभाल मिल सके।

जानिए, किस जिले में कहां मदर न्यूबोर्न केयर यूनिटों की स्थापना होगी

  • गया: शेरघाटी अनुमंडलीय अस्पताल
  • अररिया: फारबिसगंज अनुमंडलीय अस्पताल
  • पूर्णिया: बनमनखी अनुमंडलीय अस्पताल
  • सारण: सोनपुर अनुमंडलीय अस्पताल
  • बक्सर: डुमरांव अनुमंडलीय अस्पताल
  • गोपालगंज: हथुआ अनुमंडलीय अस्पताल
  • भागलपुर: नवगछिया अनुमंडलीय अस्पताल
  • कटिहार: बरसोई अनुमंडलीय अस्पताल
  • पटना: बाढ़ अनुमंडलीय अस्पताल
  • मुंगेर: तारापुर अनुमंडलीय अस्पताल
  • पश्चिम चंपारण: बगहा अनुमंडलीय अस्पताल
  • समस्तीपुर: दलसिंहसराय और रोसड़ा अनुमंडलीय अस्पताल
  • नालंदा: राजगीर और हिलसा अनुमंडलीय अस्पताल

नवजात शिशुओं को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें ।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पांडेय ने बताया कि इन मदर न्यूबोर्न केयर यूनिटों के संचालन के लिए सभी आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर, उपकरण स्थापना, एचआर व्यवस्था और अन्य संसाधनों को सुचारू रूप से कार्यान्वित करने की दिशा में काम किया जा रहा है। सरकार ने 22 मार्च 2025 तक सभी व्यवस्थाओं के निरीक्षण और प्रशिक्षण कार्यक्रम को पूरा करने का लक्ष्य रखा है। इन इकाइयों में विशेषज्ञ चिकित्सकों, प्रशिक्षित स्टाफ नर्सों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि नवजात शिशु देखभाल सेवाओं को अधिक प्रभावी बनाया जा सके। स्वास्थ्य विभाग ने इन इकाइयों के संचालन में सहयोग के लिए विभिन्न संस्थाओं को भी शामिल किया है, ताकि इस महत्वपूर्ण पहल को सही तरीके से लागू किया जा सके और राज्य के नवजात शिशुओं को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।

Source – Amar Ujala

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