एक क्रियाकलाप द्वारा विस्थापन अभिक्रिया को दर्शाइए।
एक क्रियाकलाप द्वारा विस्थापन अभिक्रिया को दर्शाइए।
उत्तर ⇒
लोहे की तीन कीलें लिये जाते हैं। तब इन्हें रेगमाल से रगड़कर साफ कर दिया जाता है। दो परखनली (A) और (B) ली जाती है। इसमें 10 ml कॉपर सल्फेट का विलयन रखा जाता है। दोनों कीलों को धागे से बांध कर सावधानीपूर्वक परखनली B के कॉपर सल्फेट के विलयन में लगभग 20 मिनट रखने के बाद बाहर निकाला जाता है।
अब परखनली (A) और (B) में विलयन के नीले रंग की तुलना कीजिए पुनः कीलों की तुलना उस कील से कीजिए जो बाहर रखी हुई थी।आप पायेंगे कि कॉपर सल्फेट का विलयन का रंग नीला मलीन हो गया तथा लोहे के कील का रंग भूरा हो गया है।
Fe(s) + CuSO4 (aq.) → FeSO4 (aq.) + Cu(s)
इस अभिक्रिया में लोहे ने दूसरे तत्त्व कॉपर को कॉपर सल्फेट के विलयन से विस्थापित कर दिया है। लोहे के कील को भूरे रंग के होने का कारण है कि इसकी
सतह पर कॉपर की परत जमा हो गयी है। अतः विस्थापन अभिक्रिया को इस क्रियाकलाप द्वारा समझना आसान है।