किसी पारिस्थितिक तंत्र के विभिन्न प्रकार के उपभोक्ता के बारे में समझाएँ ।

किसी पारिस्थितिक तंत्र के विभिन्न प्रकार के उपभोक्ता के बारे में समझाएँ ।

उत्तर ⇒ ऐसे जीव जो अपने पोषण के लिए पूर्ण रूप से उत्पादकों पर निर्भर रहते हैं, उपभोक्ता कहलाते हैं । सभी जंतु उपभोक्ता की श्रेणी में आते हैं क्योंकि क्लोरोफिल की अनुपस्थिति के कारण ये स्वयं भोजन का संश्लेषण नहीं कर पाते ।
उपभोक्ताओं को तीन श्रेणियों में बाँटा जा सकता है-
(i) प्राथमिक उपभोक्ता – (Primary consumers) ऐसे उपभोक्ता जो पोषण के लिए प्रत्यक्ष रूप से उत्पादक, अर्थात् हरे पौधों को खाते हैं, प्राथमिक उपभोक्ता कहलाते हैं । उदाहरण—गाय, भैंस, बकरी इत्यादि ।

(ii) द्वितीयक उपभोक्ता—(Secondary consumers) कुछ जंतु मांसाहारी (carnivorous) होते हैं तथा वे शाकाहारी प्राथमिक उपभोक्ताओं को खाते हैं, द्वितीयक उपभोक्ता कहलाते हैं। उदाहरण—शेर, बाघ, कुछ पक्षी, सर्प, मेढक इत्यादि।

(iii) तृतीयक उपभोक्ता—(Tertiary consumers) सर्प जब मेढक (द्वितीयक उपभोक्ता) को खाता है तब वह तृतीय श्रेणी का उपभोक्ता कहलाता है । तृतीयक उपभोक्ता सामान्यतः उच्चतम श्रेणी के उपभोक्ता हैं, जो दूसरे जंतुओं द्वारा मारे और खाए नहीं जाते हैं, जैसे—शेर, चीता, गिद्ध आदि ।

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