चुनाव आधारित क्रेडिट प्रणाली (सी.बी.सी.एस.) से आप क्या समझते हैं ? इसकी क्या विशेषताएँ हैं? इसकी कार्यप्रणाली को स्पष्ट कीजिए ।
चुनाव आधारित क्रेडिट प्रणाली (सी.बी.सी.एस.) से आप क्या समझते हैं ? इसकी क्या विशेषताएँ हैं? इसकी कार्यप्रणाली को स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर- चुनाव आधारित क्रेडिट प्रणाली (Choice Based Credit System (CBCS) ] –
सन् 1964 में कोठारी आयोग के प्रतिवेदन के पश्चात् कुछ कॉलेजों की स्वायत्तता (Autonomy) पर विचार-विमर्श प्रारम्भ हुआ और सन् 1978 के पश्चात् कुछ कॉलेजों को स्वायत्तता (Autonomy) प्रदान भी की गई । इन स्वायत्तता कॉलेजों को नए पाठ्यक्रम का निर्माण करने, प्रासंगिक पाठ्यक्रमों का निर्माण करने, नवीन मूल्यांकन प्रविधियों का निर्माण करने आदि की छूट प्रदान की गई थी।
इन स्वायत्त कॉलेजों द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रमों में छात्रों की रुचियों एवं आवश्यकताओं का ध्यान तो रखा गया किन्तु छात्रों की पाठ्यक्रम परिवर्तन की माँग को अनदेखा कर दिया गया। चुनाव आधारित क्रेडिट प्रणाली (CBCS) इस समस्या का एक मात्र समाधान है जो पारम्परिक शिक्षक केन्द्रित शिक्षा को छात्र केन्द्रित शिक्षा में परिवर्तन करने पर बल देता है ।
यूजीसी (UGC) द्वारा निर्धारित चुनाव आधारित क्रेडिट प्रणाली (CBCS) से अभिप्राय उस प्रणाली से है जिसके अन्तर्गत छात्रों को यूजीसी (UGC) द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रमों में से कोई भी पाठ्यक्रम चुनने का अवसर प्रदान किया जाता है। इसके अन्तर्गत छात्र कोर, / वैकल्पिक एवं सरल कौशल (Soft Skill) वाले पाठ्यक्रमों का चुनाव कर सकते हैं तथा अपनी गति से (सुविधानुसार) चुने पाठ्यक्रमों की सीख सकते हैं। सीखे गए सम्पूर्ण पाठ्यक्रम का आंकलन ग्रेड बेस (आधार) पर किया जाता है। यह सम्पूर्ण प्रक्रिया ही चुनाव आधारित प्रणाली (CBCS) कहलाती है।
चुनाव आधारित के डिट प्रणाली की विशेषताएँ (Characteristics of Choice Based Credit System)–
चुनाव आधारित क्रेडिट प्रणाली की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं—
( 1 ) इस प्रणाली के अन्तर्गत छात्र अपने क्रेडिट का सही चुनाव कर अपनी शैक्षिक क्षमता का स्वयं सतत् मूल्यांकन कर सकता है।
(2) यदि छात्र अध्ययन के भार का सामना नहीं कर सकता है या वह परीक्षा के दौरान बीमार हो जाता है तो वह कम पाठ्यक्रमों का अध्ययन एवं कम क्रेडिट अर्जित करने के लिए स्वतंत्र रहता है तथा अगले सेमेस्टर में इसकी क्षतिपूर्ति भी कर सकता है अर्थात् वह अपनी सुविधानुसार सीख सकता है।
( 3 ) यह प्रणाली पूर्णत: छात्र केन्द्रित होती है।
( 4 ) यह प्रणाली सभी केन्द्रीय, राज्य एवं मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों के लिए एक समान होती है ।
(5) इसमें गैर क्रेडिट पाठ्यक्रम भी उपलब्ध हैं जिनका अंकन केवल सन्तोषजनक या असंतोषजनक रूप में किया जाता है। इसमें एसजीपीए / सीजीपीए की गणना को शामिल नहीं किया जाता है।
(6) इस प्रणाली में बेसिक साइन्स कोर, इंजीनियरिंग साइंस कोर, मानविकी कोर, डिपार्टमेन्ट कोर एवं वैकल्पिक में डिपार्टमेन्ट वैकल्पिक एवं ओपन वैकल्पिक सहित कुल पाँच पाठ्यक्रम होते हैं ।
(7) छात्र राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों में अपनी क्रेडिट हस्तान्तरित कर सकते हैं।
(8) छात्र अपनी प्रसन्द के विषयों का अध्ययन कर सकता है।
चुनाव आधारित के डिट प्रणाली की कार्यप्रणाली (Procedures of Choice Based Credit System) चुनाव आधारित क्रेडिट प्रणाली छात्रों को डिग्री प्राप्त करने के लिए निर्धारित आवश्यक क्रेडिट एकत्रित करने में सक्षम बनाता है। क्रेडिट की संख्या • छात्रों द्वारा अर्जित किए गए ज्ञान या कौशल को दर्शाता है। प्रत्येक पाठ्यक्रम की विषय-वस्तु को उसके सीखने के आधार पर एक निश्चित क्रेडिट प्रदान किया जाता है। छात्रों को विभिन्न विभागों द्वारा प्रस्तुत किए पाठ्यक्रमों में से अपनी रुचि, क्षमता एवं योग्यतानुसार पाठ्यक्रम को चुनाव करने की स्वतंत्रता प्राप्त होती है। प्रत्येक पाठ्यक्रम हेतु अर्जित किए गए ग्रेड (अंक) छात्रों की उस पाठ्यक्रम में अर्जित प्रवीणता दर्शाते हैं। चुनाव आधारित क्रेडिट प्रणाली छात्रों को अपने द्वारा चुने विभागों में क्रेडिट अर्जित करने में सक्षम बनाता है और अध्ययन के कार्यक्रम को पूर्ण करने की अवधि में लचीलापन रुख अपनाता है। यह विश्व के किसी भी देश की मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालयों के विभिन्न विभागों में अपनी अर्जित क्रेडिट को हस्तान्तरण करने की सुविधा भी प्रदान करता है। इस प्रणाली में छात्रों को कक्षा में नियमित उपस्थित होना होगा। क्रेडिट का आंकलन छात्र की उपस्थिति एवं सतत् मूल्यांकन के आधार पर होता है। छात्र को प्रत्येक प्रश्नपत्र में निर्धारित क्रेडिट प्राप्त करने होंगे। परीक्षा में प्राप्त अंकों को उपस्थिति से प्राप्त क्रेडिट से गुणा करके सी.जी.पी.ए. ग्रेड दी जायेगी। छात्र कोर विषयों के अतिरिक्त यदि किसी पाठ्यक्रम का चुनाव करता है तो उसे अतिरिक्त क्रेडिट भी प्रदान किया जाएगा।
इसकी कार्य प्रणाली निम्न तत्त्वों पर आधारित होती है–
(1) सेमेस्टर,
(2) क्रेडिट प्रणाली,
(3) क्रेडिट हस्तान्तरण,
(4) व्यापक एवं सतत् आंकलन एवं
(5) ग्रेडिंग-यूजीसी द्वारा निर्धारित 10 प्वाइन्ट सिस्टम (10 Point Grading System) निम्नांकित हैं—
O (Outstanding = 10
A+ (Excellent) =9
A (Very Good) =8
B+ (Good) = 7
B (Above Average) = 6
C (Average). = 5
P (Pass) = 4
F (Fail) = 0
Ab (Absent) = 0
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