जल प्रबन्धन के उपायों के सुझाव लिखिये ।
जल प्रबन्धन के उपायों के सुझाव लिखिये ।
उत्तर— जल प्रबन्धन के उपाय – जल प्रबन्ध के कुछ उपाय निम्नलिखित हैं—
(1) जल को मूल्यवान राष्ट्रीय सम्पत्ति समझकर समुचित नियोजन किया जाना चाहिए।
(2) जल को व्यर्थ जाने के पूर्व उसे संरक्षित करने का प्रयास किया जाना चाहिए जिससे राष्ट्रीय सम्पत्ति व्यर्थ नष्ट न हो ।
(3) जल संरक्षण के लिए छोटे-छोटे बाँध बनवाने चाहिए। इससे बहते हुए जल को एकत्रित किया जा सकता है और इसका उपयोग सिंचाई में किया जा सकता है।
(4) अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में जहाँ वर्षा जल की उपलब्धता अधिक होती है, ऐसे स्थानों पर बड़े-बड़े बांधों का निर्माण किया जा सकता है।
(5) अत्यधिक वर्षा के कारण खेतों में जल बहने लगता है। इस बहते हुए जल (Running Water) को रोकने के लिए खेतों के किनारे ऊँची मेड़बन्दी करनी चाहिए। ऐसा करने से बहते हुए जल की सुरक्षा भी हो जाती है और उसके साथ घुले हुए पोषक तत्व भी नष्ट होने से बच जाते हैं।
(6) बहुतायत जल वाले राज्यों का जल कम जल वाले राज्यों को अथवा सूखा वाले राज्यों को दिया जा सकता है। इससे जल का संरक्षण होता है।
(7) जल को अनावश्यक न खर्च करना और उसे प्रदूषित होने से बचाना भी एक प्रकार से जल संरक्षण है क्योंकि प्रदूषित जल का उपयोग हानिकारक है, अतः यह बेकार है।
(8) जल को संरक्षित करने के लिए गाँवों में बड़े-बड़े तालाब, पोखरों का निर्माण करना चाहिए जिससे वर्षा का जल एकत्रित हो सके और वर्षा के पश्चात् जब आवश्यकता हो उस जल का प्रयोग सिंचाई में किया जा सके। तालाबों के द्वारा मृदा जल स्तर ऊँचा हो जाता है क्योंकि तालाबों में एकत्रित हुआ जल परित्यवन द्वारा धीरे-धीरे पृथ्वी की गहराई में जाता रहता है।
(9) जल संरक्षण के दृष्टिकोण से भवनों के परितः रिक्त स्थान होना चाहिए जिससे वर्षा का जल मिट्टी के अन्दर अवशोषित होकर सुरक्षित हो जाए।
(10) जल के उपयोग को कम करने एवं उसे संरक्षित करने में जनसंख्या नियंत्रण का विशेष महत्त्व है ।
(11) बाढ़ नियंत्रण के लिए जल संरक्षण परम आवश्यक है नदियों से नहरें निकालना विद्युत उत्पादन के लिए बांध बनाना आवश्यक है ।
(12) जल के उचित स्थानान्तरण एवं संवहन द्वारा भी जल को संरक्षित किया जा सकता है।
(13) भूमिगत स्रोतों की समुचित निकासी एवं उपयोग करना भी आवश्यक है ।
(14) जल संरक्षण में वायु प्रदूषण नियंत्रण का भी विशेष महत्त्व है क्योंकि वायु प्रदूषण के कारण वर्षा कम अथवा नहीं होती है और उसका वितरण भी समान नहीं होता है ।
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