‘ताड़ी-विरोधी आंदोलन’ क्यों हुआ ?
‘ताड़ी-विरोधी आंदोलन’ क्यों हुआ ?
उत्तर- 1990 के दशक में आंध्रप्रदेश में ताड़ी एवं शराब की बिक्री चरम सीमा पर थी। इसके दुष्परिणाम से सारे लोग खासकर महिलाएँ त्रस्त थीं। सरकार अधिक आय प्राप्त करने के कारण इसकी बिक्री बंद करने के पक्ष में नहीं थी। परंतु आंध्रप्रदेश का सामाजिक जीवन अस्त-व्यस्त हो गया था। पुरुष ताड़ी और शराब पीकर घर की महिलाओं पर जुल्म ढाने में लगे रहते थे। परिणामस्वरूप महिलाओं की सक्रियता से आंध्रप्रदेश के नेल्लौर जिले में ‘ताडी-विरोधी आंदोलन’ प्रारंभ हो गया।