दिल्ली ‘फतह’ के बाद एनडीए का जोश हाई, बिहार में 200 पार सीटें जीतने पर फोकस

दिल्ली ‘फतह’ के बाद एनडीए का जोश हाई, बिहार में 200 पार सीटें जीतने पर फोकस

हरियाणा, महाराष्ट्र और अब दिल्ली में जीत के बाद बिहार में एनडीए का जोश चरम पर आ गया है। राजनीतिक हलकों में बिहार विधानसभा चुनाव पर चर्चा शुरू हो गई है। तीन राज्यों में बीजेपी नीत एनडीए की जीत के बाद लोग कयास लगाने लगे हैं कि इसके बिहार में क्या असर होने वाले हैं। वहीं, एनडीए के नेता बिहार में 200 से अधिक सीटें जीतने के लक्ष्य पर फोकस कर रहे हैं।

बिहार में बीजेपी समेत अन्य सभी दलों के नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही चुनावी मैदान में उतरने पर सहमत हैं। बिहार में विधानसभा चुनाव इस साल अक्टूबर-नवंबर में होने हैं। हालांकि, कुछ एनडीए नेताओं का मानना है कि थोड़ा पहले भी चुनाव कराए जा सकते हैं। एनडीए 2020 वाली गलती आगामी चुनाव में नहीं दोहराना चाहता है। उस समय गठबंधन के सहयोगी दलों ने ही एक-दूसरे को नुकसान पहुंचाया था। इसके लिए बीजेपी, जेडीयू, लोजपा-आर, हम और आरएलएम, सभी पांचों पार्टियों के प्रदेश अध्यक्ष एकजुट हो कर हर जिले में एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन कर रहे हैं।

जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कोई विकल्प नहीं है। दिल्ली की जीत वहां की जनता की जीत है और पीएम मोदी की गारंटी पर उनका भरोसा है।

दिल्ली में बीजेपी की भारी जीत के बाद चर्चा शुरू हो गई है कि इसका बिहार में सीट बंटवारे और सीएम पद को लेकर घटक दलों की बातचीत पर असर पड़ेगा। हालांकि, डिप्टी सीएम और बीजेपी के वरिष्ठ नेता विजय कुमार सिन्हा ने ऐसी किसी भी समस्या से इनकार किया है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी सबका साथ, सबका सम्मान में विश्वास करते हैं। सीट बंटवारे के मुद्दे पर कोई समस्या नहीं होगी। उन्होंने विपक्षी राजद को चेतावनी दी कि दिल्ली में केजरीवाल धोखाधड़ी और झूठे वादों के कारण हारे। इसी तरह लालू और उनके बेटे तेजस्वी यादव भी झूठे वादे कर रहे हैं। इससे उन्हें कोई मदद नहीं मिलेगी।

केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के सुप्रीमो जीतन राम मांझी ने कहा कि दिल्ली की तरह ही एनडीए बिहार में भी सरकार बनाएगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली तो झांकी है, बिहार अभी बाकी है।

दूसरी ओर, विपक्षी दल आरजेडी को लगता है कि दिल्ली के नतीजों से बिहार में उनकी संभावनाओं पर शायद ही कोई असर पड़ेगा। बिहार के लोग बहुत समझदार हैं। वे भाजपा के बहकावे में नहीं आएंगे। राजद नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि भाजपा उड़ती हुई चिड़िया है और बिहार के लोग उड़ती हुई चिड़िया को हल्दी लगाना जानते हैं।

जानकारों का भी मानना है कि दिल्ली चुनाव में बीजेपी की जीत का बिहार चुनाव में कुछ खास असर नहीं पड़ने वाला है। ए एन सिन्हा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल स्टडीज के पूर्व निदेशक डीएम दिवाकर ने कहा, “यह नैतिक बढ़ावा देने वाली जीत है। लेकिन लोगों की याददाश्त कम होती है। दिल्ली में मध्यम वर्ग बजट घोषणाओं से प्रभावित हुआ, लेकिन बिहार में मध्यम वर्ग का आकार छोटा है। मुझे नहीं लगता कि इसका बिहार चुनाव में असर पड़ेगा।”

Source – Hindustan

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