बिहार में पहली बार तीन लाख करोड़ से ज्यादा का बजट पेश करेगी नीतीश सरकार

बिहार में पहली बार तीन लाख करोड़ से ज्यादा का बजट पेश करेगी नीतीश सरकार

बिहार का वित्तीय वर्ष 2025-26 का वार्षिक बजट तीन लाख करोड़ के पार होगा। आगामी बजट में रोजगार और महिला उत्थान को प्राथमिकता मिलना संभव है। वित्त विभाग ने बजट पूर्व तैयारी के क्रम में सभी विभागों से बजट मांग का प्रस्ताव प्राप्त कर लिया है। इसके बाद वार्षिक बजट को अंतिम रूप देने की तैयारी शुरू कर दी गयी है।

जानकारी के अनुसार आगामी वार्षिक बजट में दस फीसदी की बढ़ोतरी की जाएगी। चालू वित्तीय वर्ष में राज्य का बजट आकार 2.78 लाख करोड़ रुपये का है। ऐसे में नये वित्तीय वर्ष के बजट का आकार तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक होने की उम्मीद है। चुनावी वर्ष होने के कारण इस बार के बजट में रोजगार और महिला उत्थान के लिए विशेष योजनाओं की घोषणाएं भी की जा सकती हैं।

विशेष तौर पर शहरी क्षेत्रों में महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए जीविका के विस्तार का निर्णय लिया जा सकता है। पिछड़े वर्ग के छात्रों के लिए सहायता योजना के तहत प्रतियोगी परीक्षाओं में उत्तीर्ण होने पर एकमुश्त नकद राशि दिए जाने की योजना का विस्तार अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी किया जा सकता है। गरीब परिवारों के रोजी-रोजगार के दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता का विस्तार करते हुए इसमें अतिरिक्त मदद का भी प्रावधान किया जा सकता है।

शिक्षा और स्वास्थ्य को भी प्राथमिकता देने की तैयारी

बजट में शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग को पुन प्राथमिकता देने की तैयारी है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में शिक्षा विभाग के सर्वाधिक 52,639 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है जो कि कुल बजट का 18.89 प्रतिशत है। इसे आगामी बजट में बढ़ाकर 20 से 22 प्रतिशत किया जा सकता है। वहीं, स्वास्थ्य प्रक्षेत्र में दवाओं की उपलब्धता बढ़ाने और अस्पतालों में गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं उपलब्ध कराने, नये मेडिकल कॉलेज अस्पताल एवं चिकित्सकी संस्थानों की स्थापना, मानव संसाधन एवं अन्य मदों में खर्च को लेकर बजट राशि बढ़ायी जा सकती है। वर्तमान में स्वास्थ्य विभाग का बजट 14,932 करोड़ रुपये का

सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में आमलोगों एवं गरीबों तक सीधे सहायता राशि पहुंचाने की योजना में भी बदलाव लाये जाने की उम्मीद है। इसमें सहायता राशि में बढ़ोतरी को लेकर भी मंथन चल रहा है। इस पर सरकार के स्तर पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। वहीं, सरकार को बजट में ऋण राशि को चुकाने के लिए अधिक राशि का प्रबंध करना पड़ सकता है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में इसके लिए 22,392 करोड़ रुपये है जो कि कुल बजट का 8.03 प्रतिशत है।

Source – Hindustan

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