बिहार में बड़ी संख्या में निजी स्कूलों की मान्यता पर संकट? CBSE ने रख दी यह शर्त

बिहार में बड़ी संख्या में निजी स्कूलों की मान्यता पर संकट? CBSE ने रख दी यह शर्त

एक बच्चा पर एक वर्ग मीटर फर्श होगा, तभी स्कूलों को सीबीएसई से मान्यता मिलेगी। सीबीएसई ने सभी स्कूलों को इसको लेकर निर्देश दिया है। स्कूलों को सत्र 2025-26 तक कक्षा और सेक्शन की व्यवस्था कराने को कहा गया है। नए सत्र से इन्हीं मापदंडों के आधार पर स्कूलों को मान्यता मिलेगी।

सीबीएसई ने निर्देश दिया है कि हर सेक्शन में अधिकतम 40 बच्चों को ही रखा जाना है। सीबीएसई की ओर से कहा गया है कि चूंकि मान्यता अब इसी नियम के तहत मिलनी है। ऐसे में स्कूल इसके तहत सेक्शन बढ़ाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। जो स्कूल आवेदन करेंगे उनकी मांग पर उचित कार्रवाई की जाएगी।

अधिकतर स्कूलों में एक सेक्शन में 50-60 तक बच्चे

मुजफ्फरपुर समेत बिहार के विभिन्न जिलों में अभी बड़ी संख्या में ऐसे स्कूल हैं जहां एक सेक्शन में बच्चों की संख्या 50 से 60 तक है। बोर्ड ने निर्देश दिया है कि कक्षा पहली से 12वीं तक सत्र 2025-26 से प्रत्येक सेक्शन में छात्रों की संख्या 40 तय कर स्कूल इसे पुनर्गठित करेंगे। इसके आधार पर स्कूल सेक्शन बढ़ाने के लिए आवेदन करेंगे। हालांकि, सेक्शन बढ़ाने से पहले स्कूलों को एक बच्चा पर एक वर्ग मीटर फर्श की उपलब्धता की अनिवार्यता के नियम के पूरा करना होगा। वर्गों का विवरण और भूमि की उपलब्धता को लेकर भी सीबीएसई ने गाइडलाइन जारी की है।

सरस का नया संस्करण होगा लॉन्च

सीबीएसई से संबद्धता लेने के लिए सरस (स्कूल संबद्धता पुनर्रचना स्वचालन प्रणाली) के माध्यम से आवेदन किया जाता है।

मान्यता लेने में दर्जनों स्कूलों को होगी परेशानी

सीबीएसई के इस शर्त के बाद अब मान्यता लेने के लिए दर्जनों स्कूलों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। जिले में दर्जनों स्कूल ऐसे हैं जो भूमि की उपलब्धता को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे स्कूल जो छह से आठ कमरे में ही आठवीं कक्षा तक बच्चों को पढ़ रहे हैं। उनकी मान्यता पर खतरा है।

Source – Hindustan

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