मुद्रा के विकास पर प्रकाश डालें।
मुद्रा के विकास पर प्रकाश डालें।
उत्तर- वस्तु-विनियम प्रणाली की कठिनाइयों ने ही मद्रा को जन्म दिया। अतिप्राचीन काल से मुद्रा के रूप में अनेक वस्तुओं का प्रयोग किया जाता है। इसके इतिहास को हम निम्न वर्गों में बाँट सकते हैं।
(i) वस्तु विनिमय- इस समय वस्तु ही मुद्रा के रूप में कार्य करता था और एक वस्तु के बदले दूसरी वस्तु दी जाती थी।
(ii) वस्तु मुद्रा- इसके अंतर्गत चयनित वस्तुओं जैसे जानवरों की खाल, गाय, बकरी, अनाज इत्यादि का प्रयोग मुद्रा के रूप में होने लगा।
(iii) धात्विक मुद्रा- इसके अंतर्गत पीतल, ताँबे इत्यादि के सिक्कों का प्रचलन हुआ।
(iv) सिक्के – धातुओं से निर्मित ऐसी मुद्राओं का प्रचलन हुआ जो देश की सार्वभौम सरकार की मुहर से चालित होता था।
(v) कागजी मुद्रा- इसकी शरमात चीन में हुई थी। वर्तमान समय में विश्व में सर्वामिक प्रचलन इन्ही मुलाणों का है।
(vi) प्लास्टिक मुद्रा – ये माधुनिकतम पाणों के रूप में सामने आए हैं। ए टी एम सह डेबिट कार्ड, क्रबिट कार्ड इत्यादि इसके उदाहरण है।
(vii) साख मुद्रा- वर्तमान समय में इनका प्रचलन तेजी से बड़ा है इनमे चना तथा बैंक द्वापर के पगोग लि देखे जाते हैं।