मेरुरज्जु का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।

मेरुरज्जु का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।

उत्तर⇒मेरुरज्जु

मेडूला ऑब्लाँगेटा खोपड़ी के महारंध्र से निकल कर रीढ़ की हड्डी की कशेरुकाओं के बीच में से निकल कर नीचे तक फैली रहती है।

इसी को मेरुरज्जु या रीढ़ रज्जु कहते हैं। इसके ऊपर डयरामेटर, ऐरेक्रॉइड और पिओमेट नामक तीन झिल्लियाँ उसी प्रकार होती हैं जैसी मस्तिष्क में ऊपर होती हैं। मेरुरज्जु से निश्चित दूरियों पर 31 जोड़े मेरू तंत्रिकाएँ निकलती हैं। इसकी लम्बाई लगभग 45 सेमी होती है।
मेरुरज्जु के कार्य
(i) यह साधारण प्रतिवर्ती क्रियाओं जैसे घुटने के झटके का प्रत्युत्तर, स्वयं मेरुरज्जु चालित प्रतिक्रियाएँ जैसे मूत्राशय का सिकुड़न आदि के समन्वय केंद्र काकार्य करती है।
(ii) यह मस्तिष्क और सुषुम्ना के मध्य संचार का कार्य करती है।

 

 

 

 

 

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