राष्ट्रीय आय के संबंध में मार्शल, पीगू तथा फिशर की परिभाषाओं में किस प्रकार विचारों की विभिन्नता है ? समझायें।
राष्ट्रीय आय के संबंध में मार्शल, पीगू तथा फिशर की परिभाषाओं में किस प्रकार विचारों की विभिन्नता है ? समझायें।
उत्तर-राष्टीय आय के विषय में विभिन्न अर्थशास्त्र के विद्वानों ने अपने-अपने विचार प्रकट किए हैं इनमें मार्शल, पिगु तथा फिशर का सबसे महत्त्वपूर्ण स्थान है, परन्तु इनके विचारों में निम्नलिखित विभिन्नताएँ देखने को मिलती हैं।-पिगु के अनुशार राष्टीय लाभांश किसी समाज की वास्तविक आय का वह भाग है जिसमें विदेशों से प्राप्त आय को भा शा को भी शामिल किया जाता है, और इसे मुद्रा में मापा जा सकता है।
मार्शल ने भी पीग के विचारों से सहमति जताई है और उत्पादित संपत्ति को ही राष्ट्रीय आय का आधार माना है, परन्तु इन्होंने केवल उन्हीं वस्तुओं एवं सेवाओं को राष्ट्रीय आय में शामिल किया है जिनका विनिमय होता है अर्थात् जिनका मापन मुद्रा में संभव है।
मार्शल तथा पीगू के ठीक विपरीत फिशर ने, उत्पादन की अपेक्षा उपभोग को राष्ट्रीय आय का आधार माना है। फिशर के अनुसार “वास्तविक राष्ट्रीय आय वार्षिक शुद्ध उत्पादन का वह भाग है जिसका उस वर्ष में प्रत्यक्ष रूप से उपभोग किया जाता है।