राष्ट्रीय वित्तीय संस्थान किसे कहते हैं? इसे कितने भागों में बाँटा जाता है ? वर्णन करें।
राष्ट्रीय वित्तीय संस्थान किसे कहते हैं? इसे कितने भागों में बाँटा जाता है ? वर्णन करें।
उत्तर-राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाएँ वे हैं जो राष्ट्रीय स्तर पर वित्त प्रबंधन तथा साख अथवा ऋण के लेन-देन का कार्य करती हैं। इन वित्तीय संस्थाओं को प्रायः दो वर्गों में विभाजित किया जाता है- मुद्रा बाजार की वित्तीय संस्थाएँ तथा पूँजी बाजार की वित्तीय संस्थाएँ। मुद्रा बाजार की वित्तीय संस्थाएँ साख या ऋण का अल्पकालीन लेन-देन करती है। इसके विपरीत, पूँजी बाजार की संस्थाएँ उद्योग तथा व्यापार की दीर्घकालीन साख की आवश्यकताओं को पूरा करती है। मुद्रा बाजार की वित्तीय संस्थाओं में बैंकिंग संस्थाएं सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण हैं। भारतीय बैंकिंग प्रणाली के शीर्ष पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया है जिसकी स्थापना 1935 में हुई थी। यह भारत का केंद्रीय बैंक है जो देश की संपूर्ण बैंकिंग व्यवस्था का नियमन एवं नियंत्रण करता है। भारत की बैंकिंग प्रणाली व्यावसायिक बैंकों पर आधारित है।