लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सुझाव दीजिए।

लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सुझाव दीजिए।

उत्तर – लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सुझावलड़कियों की शिक्षा के लिए निम्नलिखित सुझाव दिये जा सकते हैं—
(1) आवश्यकता होने पर लड़कियों के लिए छात्रावास खोले जाएँ।
(2) लड़कियों के लिए यातायात सम्बन्धी विशेष सुविधाएँ की जाएँ।
(3) लड़कियों की शिक्षा स्कूल स्तर पर निःशुल्क की जाएँ।
(4) प्रचार माध्यम को योजना की स्पष्ट मार्गदर्शी रूपरेखाएँ तैयार करनी चाहिए।
(5) राज्य स्तर की एजेंसियों द्वारा आरम्भिक प्रशिक्षण, सेवाकालीन प्रशिक्षण और पुनश्चर्या पाठ्यक्रमों के जरिए अध्यापकों, प्रशिक्षकों, आयोजकों और प्रशासकों को महिलाओं के मामलों में संवेदनशील बनाया जाए।
(6) उपर्युक्त के अतिरिक्त सामान्य कोर पाठ्यचर्या महिलाओं की नई स्थिति के अनुरूप मूल्यों के संस्थापन के लिए तथा उनकी शक्ति बढ़ाने के लिए एक शक्तिशाली साधन है। रा.शै.अ.प्र.प. की महिला सेल को फिर चालू किया जाए और उसे महिलाओं की समानता से सम्बन्धित पाठ्यक्रम को तैयार करने की जिम्मेदारी दी जाए। इस सेल को स्कूली पाठ्यक्रमों से लिंग पक्षपात को दूर करने के लिए तेजी से कार्य करना चाहिए ।
(7) लड़कियों की शिक्षा के लिये कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय योजना के अन्तर्गत मुख्य रूप से प्राथमिक स्तर पर अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़े वर्ग और अल्पसंख्यकों की बालिकाओं के लिए दुर्गम क्षेत्रों में आवासीय सुविधाओं के साथ 2000 विद्यालयों की व्यवस्था की गई है। यह योजना शैक्षिक रूप से पिछड़े विकास खण्डों में चलाई जा रही है जहाँ महिला साक्षरता की दर राष्ट्रीय औसत से कम है तथा ‘लिंग’ भेदभाव अधिक है ।
(8) महिला शिक्षा की विशेष योजनाएँ शिक्षा विभाग की विद्यमान योजनाओं के अधीन महिलाओं के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। ऑपरेशन ब्लैकबोर्ड योजना के अधीन संशोधित नीति निर्धारण में एक शर्त यह है कि भविष्य में नियुक्त किए जाने वाले शिक्षकों में 50 प्रतिशत महिलाएँ होनी चाहिए। इसका स्वभावत: लड़कियों की गुणवत्ता शिक्षा पर पड़ेगा।
(9) छात्रावासों के निर्माण की योजना का संचालन इस उद्देश्य से किया जा रहा है कि अधिक-से-अधिक बालिकाएँ माध्यमिक शिक्षा लाभ उठा सकें।
(10) विकसित कानूनी साक्षरता सामग्रियों का महिला और बाल विकास विभाग द्वारा दूर-दूर तक प्रचार किया जाए, ताकि वे स्कूली पाठ्यचर्या, साक्षरता अभियानों और महिलाओं की गतिशीलता का अंग बन सकें। विशेषकर, सूचना और प्रसारण मंत्रालय की मीडिया (संचार) सहायता माँगी जाए।
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